Posted on 04-Jul-2016 05:08 PM
श्री देवनारायण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते है। इनकी पूजा मुख्यतः राजस्थान, हरियाणा तथा मध्यप्रदेश में होती है। भगवान श्रीदेवनारायण का अवतार सम्वत 968 में साडू माता गुर्जरी तथा गुर्जर श्री सवाईभोज बगड़ावत के घर में हुआ था। श्रीदेवनारायण भगवान के पूर्वज 24 भाई थे। 24 बगड़ावत चैहान गोत्र के गुर्जर थे। गुर्जर बाघसिंह के पुत्र होने के कारण ये इतिहास मे बगड़ावत नाम से प्रसिद्ध हुए। बगड़ावत भारत राणी जैमति को लेकर राण के राजा दुर्जनसाल से बगड़ावतों की जंग हुई। युद्ध से पूर्व बगड़ावतों तथा दुर्जनसाल की मित्रता थी तथा वे धर्म के भाई थे। ये युद्ध खारी नदी के किनारे हुआ था। बगड़ावतों ने अपना वचन रखते हुए राणी जैमति को सिर दान मंे दिये थे। बगड़ावतों के वीरगती प्राप्त होने के बाद श्रीदेवनारायण का अवतार हुआ तथा उन्होने राजा दुर्जनसाल का वध किया। देवजी की 3 राणिया थी-पीपलदे (धार के गुर्जर परमार राजा की बेटी), नागकन्या तथा दैतकन्या। श्री देवनारायण के अन्य नाम
1. 11वीं कला का असवार
2. लीला घोड़ा का असवार
3. त्रिलोकी का नाथ
4. देवजी
5. देव महाराज
6. देव धणी
7. साडू माता का लाल
8. उधा जी