Posted on 06-Jun-2016 09:42 AM
गुरु जी प्रवचन कर रहे थे- ईश्वर में आस्था बनाये रखो। ईश्वर सबकी रक्षा करता है। चेला एकाग्रचित होकर एक-एक शब्द को हृदय में उतार रहा था। दूसरे दिन चेला जंगल से गुजर रहा था। सहसा एक आदमी सामने से दौड़ता हुआ आया। वह चिल्ला रहा था- बचो ! बचो! पगल हाथी इधर ही आ रहा है। चेले ने मन ही मन गुरु जी के शब्द दोहराये थे- ईश्वर सबकी रक्षा करता है और चेला निर्भीक होकर चलता गया। थोड़ी देर बाद सामने से पागल हाथी चिंघाड़ता हुआ आया और चेले को धक्का देता हुआ भाग गया। चेला बाल-बाल बच गया और चोट खाकर आश्रम में पहुंचा। गुरु जी के समक्ष चेले ने शंका प्रकट की- मैंने ईश्वर में आस्था बनाये रखी लेकिन ईश्वर ने मेरी रक्षा नहीं की। गुरु जी ने कहा-ईश्वर में तुम्हारी आस्था का ध्यान रखकर ही एक रक्षक को तुम्हें चेतावनी देने के लिए भेजा गया लेकिन तुम नहीं चेते और बढ़ते चले गये। फिर भी पागल हाथी ने तुम्हें चोट पहुंचाकर ही छोड़ दिया अन्यथा वह तो तुम्हें कुचलता हुआ चला जाता। ईश्वर में आस्था रखो और उसके द्वारा दी गई चेतावनी को समझने का प्रयास करो। वह सबकी रक्षा करता है।