Posted on 15-Jul-2016 12:23 PM
कोई भी दुःखद घटना होने पर स्वयं से पूँछे, ’इसके पीछे क्या कारण है ?’ इस तरह आपको स्वयं से सही सवाल पूछने की आदत विकसित करनी होगी। इस कदम में सुस्ती से मुक्ति पाने हेतू स्वयं से सवाल पूछना बहुत महत्त्वपूर्ण कदम है। ’मैं कौन हूँ’? सवाल इतना गूढ़ है कि इसके लगातार पूछने पर आप महसूस करेंगे कि सवाल ही जवाब बन जाएगा। ’आप कौन हो ?’ इस सवाल में ताकत है। बाकी भी अलग मंत्र आप इस्तेमाल करते हैं मगर वे आपके हृदयस्थान को वैसे नहीं खोलते, जैसे ’तुम कौन हो’, सवाल खोलता है। इसलिए कई बार कुछ लोगों को समझ में न आने पर भी यदि वे स्वयं से ’मैं कौन हूँ’? जैसे सवाल लगातार पूँछते रहने से उनमें धीरे-धीरे समझ की गहराई उतरने लगती है। जाप का वही महत्त्व है। कुछ बातों का जाप चलना चाहिए ताकि अंदर जो हृदयस्थान में दबा हुआ है, उसे खुलने का एक मौका मिले।