Posted on 21-Jun-2016 02:23 PM
गहराई से श्वास छोड़ने पर एक प्रकार से हम अपनी मनोदशाओं को बाहर फेंक देते है। श्वास को नियंत्रित कर हम बहुत कुंछ अपने मन को भी नियंत्रित कर सकते है। हम श्वास को परिवर्तित करके बहुत कुछ अपने विचारों को परिवर्तित करके बहुत कुछ अपने विचारों को अपनी सोच को परिवर्तित कर सकते है। तीन तत्वों को जोड़ना ही योग है। ये तीन तत्व है- शरीर, मन और आत्मा। जब ये तीनों जुड़कर एक ही दिशा में सक्रिय हो जाते है, तब आदमी अपनी क्षमता के चरम पर होता है। यह प्रकृति से प्राप्त वैज्ञानिक तथ्य है कि नुकीली वस्तुओं से ऊर्जा ग्रहण की जाती है और नुकीली वस्तुओं से ही ऊर्जा बाहर जाती है। मन तो एक दर्पण है। उस दर्पण के सामने जैसा दृश्य लाया जाएगा, उसी का प्रतिबिम्ब वह मन दिखाएगा।