Posted on 16-Jul-2016 11:58 AM
भला बुरा सबका सुनिये, ये भली बात सबूरी में मन लागो मेरो यार फकीरी में। शिवजी ने कंठ में विष रखा है। उसी प्रकार हे युवक! यौवनास्था में तुझे विष पीना पडे़गा। कड़वेघूँट पीने का समय आयेगा। तब विष अन्दर भी मत जाने देना और बाहर भी मत निकालना। बाहर निकालेगा तो तेरा परिवार दुःखी होगा। अन्दर रखेगा तो तू जल जायेगा। अतः शिवजी की तरह गले में रख। नीलकंठ बन। शिवजी ने गले में विषधर नाग रखा है। उसी प्रकार हे युवक! अलंकारों को विषघट नाग समझना। शिवजी ने अंग पर भस्म लगाई है। तो युवकों याद रखना कि एक बार भस्म हो जाना है। इस प्रकार शिवजी की वंदना कर।