Posted on 03-Jul-2016 12:42 PM
हरि सुमिरन
अवसर पाकर गुनगुना, हरि सुमिरन में झूम।
मस्त मगन ताली बजा, झूम-झूम कर झूम।।
भावार्थ:- मनुष्य को भक्ति भावना में नित्य गुनगुनाना चाहिए। भगवान के स्मरण में झूम-झूम कर मनन, भजन, गुणगान करना चाहिए। मस्त और मगन होकर तालियां बजा-बजा अपने प्रेम का प्रदर्शन करना चाहिए। ये सभी भक्ति श्रेष्ठ के लक्षण हैं।