यह प्रमाणित तथ्य हैं की योग मुद्रा, ध्यान और योग में श्वसन की विशेष क्रियाओं द्वारा तनाव से राहत मिलती है, योग मन को विभिन्न विषयों से हटाकर स्थिरता प्रदान करता है और कार्य विशेष में मन को स्थिर करने में सहायक होता है। हम मनुष्य किसी चीज की ओर तभी आकर्षित होते हैं जब उनसे हमें लाभ मिलता है। जिस त
बेहतर स्वास्थ्य और उन्नति के लिए वास्तु नियम के अनुसार लगाने लायक कई ऐसे पौधे हैं, जिन्हें घर-परिसर लगाकर आप राहत अनुभव कर सकते हैं। केला-घर के पीछे की ओर लगाएं केले का पौधा। यदि हम केले के पेड़ को किसी ग्रह के साथ जोड़ें तो यह बृहस्पति देवता का स्वरूप माना जाता है। भगवान विष्णु को प्रसन्न
जन्म कुंडली में चन्द्र को मन और माता का कारक माना गया है यह कर्क राशी का स्वामी है ,चन्द्रमा के मित्र ग्रह सूर्य और बुध है. चन्द्रमा किसी ग्रह से शत्रु संबन्ध नहीं रखता है. चन्द्रमा मंगल, गुरु, शुक्र व शनि से सम संबन्ध रखते है. चन्द्र वृ्षभ राशि में शुभ और वृ्श्चिक राशि में होन
चेतना के स्तर पर पति-पत्नी को समझ आने लगती है यानी पति यह समझ जाता है कि खुश रहना है तो कान दान करो और पत्नी यह समझ जाती है कि खुश रहना है तो जुबान दान करो। जब पत्नी जुबान दान करेगी यानी वह जब यह इशारा पकड़ेगी कि पति इस वक्त कुछ सुनना नहीं चाहता, वह अकेले रहकर समस्या को सुलझाना चाहता है तब
संसार, देश, प्रान्त और परिवार के झगड़ों का मूल व्यंग्य है। हम दूसरों की बात, चाहे वह न्यायपूर्ण ही क्यों न हो, सहन नहीं करना चाहते। जरा-जरा-सी बात हमारे हृदय-कमल में काँटे की तरह घुस जाती है। कड़वी बात, अपनी आलोचना, बुराइयाँ या हमारी बात का कट जाना हमारी पीड़ा का कारण बन जाता है। उत्तेजित हो
कई बार थकान के चलते भी दिमाग में तनाव हावी हो जाता है। इसलिए थकान की स्थिति में थोड़ी देर विश्राम करें। विश्राम करने से दिमाग शांत हो जाता है। यदि आपको किसी जगह जाने में विलंब हो चुका है तो हड़बड़ी न करे। इससे तनाव और बढ़ता है। उन कारणों पर विचार करें, जिनके कारण विलंब हुआ हैक। ऐसे कारणों को भविष
इंसान की असफलता के पीछे जिस बुराई का सबसे बड़ा हाथ होता है, वह है तम, तमोगुण। तमोगुण यानी आलस्य, सुस्ती, अति निद्रा, तंद्रा.......। एक सुस्त इंसान देख रहा होता है कि सब काम पड़े हैं, यह होना है, वह होना है...... बिस्तर छोड़कर उठना है मगर उस पर ऐसी सुस्ती हावी रहती है कि वह चाहकर भी उठ नहीं पाता ह
आप कितना भी प्रयास कर लें परन्तु आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकते। हाँ, बस आप उन्हें छुपा सकते हैं। भावनाएं हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। हमारी समस्त भावनाएं चाहे वह क्रोध हो या असुरक्षा विभिन्न कारणों से उत्पन्न होती हैं। ये कारण वंशानुगत, शारीरिक, सामाजिक या सांस्कृतिक