Posted on 09-Aug-2016 10:49 AM
किसी के काम जो आये, उसे इंसान कहते हैं।
पराया दर्द अपनाए, उसे इंसान कहते हैं।।
कभी धनवान है कितना, कभी इन्सान निर्धन है।
कभी सुख है कभी दुःख है, इसी का नाम जीवन है।
जो मुश्किल में न घबराये, उसे इंसान कहते हैं।।
यह दुनिया एक उलझन है, कहीं धोखा कहीं ठोकर।
कोई हँस-हँस के जीता है, कोई जीता है रो-रो कर।
जो गिर कर भी संभल जाए, उसे इन्सान कहते हैं।।
अगर ग़लती रुलाती है तो, यह राह भी दिखाती है।
व्यक्ति ग़लती का पुतला है, यह अक़्सर हो ही जाती है।
जो ग़लती करके पछताए, उसे इन्सान कहते हैं।।
अकेले ही खा-खाकर, सदा गुजरान करते हैं।
यों भरने को तो दुनिया में, पशु भी पेट भरते हैं।
पथिक जो बाँट कर खाये, उसे इन्सान कहते हैं।।