Posted on 30-Apr-2015 02:47 PM
एक ऐसे समय में जब दुनियाभर के नेता वैश्विक तापमान में इजाफा, ऊर्जा संकट और घटते संसाधन से निपटने के लिए चर्चा कर रहे हैं, आईआईटी दिल्ली के छात्रों के एक समूह ने पारिस्थिति के तीनों मुद्दों का एकल समाधान निकालने का प्रयास किया है।
आईआईटी दिल्ली के छात्रों की इस परियोजना में एक समस्या के कारण को अन्य दो के हल की कुंजी में बदला जाता है।
वायुमंडल में कार्बन डाई आॅक्साइड के स्तर में इजाफा वैश्विक तापमान में इजाफे का एक प्रमुख कारण है। इसने इस गैस के उत्पादन में कमी लाने और इस पर नियंत्रण स्थापित करने की जरूरत बढ़ा दी है।
आईआईटी दिल्ली के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के ऐसोसिएट प्रोफेसर अनिल वर्मा के नेतृत्व में एक अनुसंधान समूह ने हवा में प्रदूषणकारी गैस की ना सिर्फ मात्रा कम करने, बल्कि उसे अनेक मूल्यवान उत्पादों में बदलने की भी कोशिश की है।
वर्मा कहते हैं, हम कार्बन डाई आॅक्साइड के विद्युत-रासायनिक रूपांतरण में लगे हैं और पाया है कि कार्बन डाई आॅक्साइड का उपयोग मीथेन और अन्य मूल्यवान उत्पादों के उत्पादन में किया जा सकता है। मीथेन में कार्बन डाई आॅक्साइड का रूपांतरण सौर या पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा का उपयोग कर किया जा रहा है।
वर्मा बताते हैं कि पारंपरिक रूप से रूपांतरण के दौरान गैस किसी घोलक में घोली जाती है। उनकी टीम ने दूसरा रास्ता अपनाया है। उन्होंने सीधे संयंत्र में गैस का उपयोग किया है, जहां उसे मीथेन और फार्मिक अम्ल जैसे कुछ अन्य उत्पादों में बदला जाता है।