Posted on 25-May-2015 02:30 PM
अलवर। कद-काठी हो या रॉयल लाइफ स्टाइल। जितनी खूबसूरती, उतने माहिर धावक। ऐश आराम ऐसा कि शानदार अस्तबल में जरा सी गंदगी हो जाए तो चार से पांच सेवक तुरंत सफाई के लिए दौड़ पड़ते हैं। सबके अलग कमरे, कमरों में चलते कूलर-पंखे। जी हां, ये शाही अंदाज है राजस्थान के अलवर में एक संत के आश्रम में पलते करोड़ों कीमत के घोड़े-घोडियों के। इनमें भी सबसे रॉयल लाइफ जीने का मौका मिल रहा है चेतन नामक मारवाड़ी घोड़े को। चेतन को यह रायल लाइफ खूबसूरती के साथ असीम ताकत, 29 महीने की उम्र में ही 65 इंच हाइट के साथ शानदार कद-काठी की वजह से नसीब हो रही है। घोड़े के मालिक मुंडावर के रैणागिरी आश्रम के संत बालकदास महाराज का दावा है कि घोड़े की कीमत एक करोड़ को पार कर गई है। वे कहते हैं- हाल ही पंजाब में हुए एक रिंग कंपीटिशन में एक पूर्व महाराजा ने घोड़े की कीमत एक करोड़ लगा दी थी, बालकदास इस ऊंची कीमत के लिए चेतन की कद-काठी के अलावा उसके ऊंचे खानदान को भी वजह मानते हैं, संत चेतन पर इतने फिदा हैं कि उसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचने का दावा कर रहे हैं। है। वे कहते हैं- हाल ही पंजाब में हुए एक रिंग कंपीटिशन में एक पूर्व महाराजा ने घोड़े की कीमत एक करोड़ लगा दी थी, बालकदास इस ऊंची कीमत के लिए चेतन की कद-काठी के अलावा उसके ऊंचे खानदान को भी वजह मानते हैं, संत चेतन पर इतने फिदा हैं कि उसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचने का दावा कर रहे हैं। ऊंची कीमत के लिए चेतन की कद-काठी के अलावा उसके ऊंचे खानदान को भी वजह मानते हैं, संत चेतन पर इतने फिदा हैं कि उसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचने का दावा कर रहे हैं। मारवाड़ी घोड़े चेतन के पिता का नाम तूफान था, तूफान को घोड़ों के कद्रदानों के बीच बेहद अहम दर्जा प्राप्त था। जानकार कहते हैं तूफान की ही तरह चेतन भी ताकत और मालिक से वफादारी में अव्वल है। एक पखवाड़ा पहले ही संत बालकदास महाराज चेतन की मां गंगा को भी खरीद लाए हैं। घोड़ों की दुनिया में बेहद होनहार माने जा रहे चेतन की मां गंगा को रैणागिरी आश्रम तक लाने में करीब 30 लाख खर्च होना बताया जा रहा है।