Posted on 02-May-2015 11:46 AM
केन्द्रीय कैबिनेट ने ‘जुवेनाइल जस्टिस एक्ट’ को मंजूरी दे दी। इसमें जघन्य अपराध के 16 से 18 साल तक के आरोपियों को ‘वयस्क’ मानने का प्रस्ताव है। अभी 18 साल तक के आरोपियों को बाल अपराधी माना जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट ने ‘जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रन) एक्ट’ पास कर दिया है। इसमें जघन्य अपराध में शामिल 16 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों पर आईपीसी की धाराओं में मुकदमा चलाने का प्रावधान है। हालांकि, इसमें बाल अदालत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। वह परिस्थितियों और संबंधित बालक की मनोस्थिति को देखकर फैसला करेगी।