Posted on 23-Apr-2015 02:16 PM
मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावनाओं को और बल मिला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल ग्रह पर 150 अरब क्यूबिक मीटर से ज्यादा मात्रा में जमे हुए पानी के ग्लेशियरों की पट्टियाँ हैं। यह मात्रा इतनी है कि इससे पूरे मंगल ग्रह की सतह पर बर्फ की एक मीटर मोटी परत बनाई जा सकती है।
ढके हुए ग्लेशियर: ग्रह पर धूल की मोटी परत ने इन ग्लेशियरों को ढक रखा है, इसलिए यह सामान्य सतह जैसा दिखाई देता है। राडार के जरिए यह पता चला कि धूल की इस परत के नीचे जमे हुए पानी के ग्लेशियर हैं। सेटेलाइटों से प्राप्त तस्वीरों के जरिए वैज्ञानिक सतह के नीचे ग्लेशियरों के आकार को समझने में सफल रहे हैं। इससे पहले वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी संशय में थे कि ये ग्लेशियर जमे हुए पानी के हैं, ठोस कार्बन डाई आॅक्साइड के हैं या फिर कीचड़ के हैं। अभी नासा सेटेलाइट की राडार गणना के आधार पर वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि ये ग्लेशियर जमी हुई बर्फ के हैं।