Posted on 11-May-2015 12:40 PM
जयपुर । शहर को एक दिन का नया पुलिस कमिश्नर मिला। 10 साल के गिरीश को पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, बाद में पुलिस कमिश्नर जंगा श्रीनिवास राव ने उसे अपनी कुर्सी दी। गिरीश ने गांधीनगर थाने का दौरा भी किया। गिरीश आम बच्चा नहीं है, स्पेशल है। किडनी की जानलेवा बीमारी से लड़ रहा है।
सलमान का है जबरदस्त फैन, कई बार देख चुका फिल्म दबंग और गर्व
उत्साहित गिरीश ने कहा- दबंग-सिंघम बनना चाहता था, मेक ए विश फाउंडेशन की मदद से मैं पुलिस कमिश्नर बन गया। सलमान खान का तो वह जबरदस्त फैन है। फिल्म-दबंग और गर्व कई बार देख चुका है। ‘सिंघम’ सीरीज भी उसकी फेवरेट है। हरियाणा के सिरसा का रहने वाला गिरीश तीसरी क्लास का छात्र है। उसका जयपुर में इलाज चल रहा है। गंभीर बीमारी से लड़ रहे गिरीश का सपना सच हुआ तो उसके चेहरे की चमक सबको रोशन कर रही थी। गिरीश ने न केवल एक दिन कमिश्नरेट की कमान संभाली, बल्कि एक दिन में किए काम की जानकारी पूरे आत्मविश्वास के साथ देशभर के मीडिया से साझा भी की। उसकी खुशी बरकरार रहे, उसे लंबी उम्र मिले...यही कामना हर पुलिस जवान ने की।
खेलते-खेलते गिरा तब चला बीमारी का पता
करीब तीन महीने पहले वह खेलते-खेलते अचानक गिर गया। तब उसकी बीमारी का पता चला। उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। पिछले दो माह से वह जयपुर में है। इलाज करवा रहा है। इसी दौरान उसके पिता की मुलाकात मेक अ विश फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं से हुई। बातों-बातों में गिरीश ने पुलिस अफसर बनने की इच्छा जताई। करीब 10 दिन पहले एनजीओ की प्रोग्राम कॉर्डिनेटर स्मिता शाह पुलिस कमिश्नर से मिली और गिरीश की
जयपुर । शहर को एक दिन का नया पुलिस कमिश्नर मिला। 10 साल के गिरीश को पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, बाद में पुलिस कमिश्नर जंगा श्रीनिवास राव ने उसे अपनी कुर्सी दी। गिरीश ने गांधीनगर थाने का दौरा भी किया। गिरीश आम बच्चा नहीं है, स्पेशल है। किडनी की जानलेवा बीमारी से लड़ रहा है।
सलमान का है जबरदस्त फैन, कई बार देख चुका फिल्म दबंग और गर्व
उत्साहित गिरीश ने कहा- दबंग-सिंघम बनना चाहता था, मेक ए विश फाउंडेशन की मदद से मैं पुलिस कमिश्नर बन गया। सलमान खान का तो वह जबरदस्त फैन है। फिल्म-दबंग और गर्व कई बार देख चुका है। ‘सिंघम’ सीरीज भी उसकी फेवरेट है। हरियाणा के सिरसा का रहने वाला गिरीश तीसरी क्लास का छात्र है। उसका जयपुर में इलाज चल रहा है। गंभीर बीमारी से लड़ रहे गिरीश का सपना सच हुआ तो उसके चेहरे की चमक सबको रोशन कर रही थी। गिरीश ने न केवल एक दिन कमिश्नरेट की कमान संभाली, बल्कि एक दिन में किए काम की जानकारी पूरे आत्मविश्वास के साथ देशभर के मीडिया से साझा भी की। उसकी खुशी बरकरार रहे, उसे लंबी उम्र मिले...यही कामना हर पुलिस जवान ने की।
खेलते-खेलते गिरा तब चला बीमारी का पता
करीब तीन महीने पहले वह खेलते-खेलते अचानक गिर गया। तब उसकी बीमारी का पता चला। उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। पिछले दो माह से वह जयपुर में है। इलाज करवा रहा है। इसी दौरान उसके पिता की मुलाकात मेक अ विश फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं से हुई। बातों-बातों में गिरीश ने पुलिस अफसर बनने की इच्छा जताई। करीब 10 दिन पहले एनजीओ की प्रोग्राम कॉर्डिनेटर स्मिता शाह पुलिस कमिश्नर से मिली और गिरीश की
इच्छा बताई। पुलिस कमिश्नर ने सहमति जताते हुए 30 अप्रैल की डेट दे दी।
एक विश के पूरी होने की कहानी
गिरीश की पुलिस अफसर बनने की यात्रा शुरू हुई। गिरीश को लेने पुलिस की लालबत्ती वाली कार जेएलएन मार्ग स्थित एनजीओ मेक अ विश फाउंडेशन के दफ्तर पहुंची। साथ में कमांडो और पुलिस उपनिरीक्षक भी थे। गिरीश को लेकर करीब 3 बजकर 54 मिनट पर कार सीधे कमिश्नरेट पहुंची। यहां डीसीपी हैडक्वार्टर मनीष अग्रवाल ने गिरीश को रिसीव किया। सशस्त्र बलों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बाद में पुलिस कमिश्नर जंगा श्रीनिवास राव ने गिरीश को अपनी सीट पर बिठाया। बुके गिफ्ट किया। गिरीश करीब आधे घंटे तक पुलिस अफसरों के साथ रहा। अफसरों ने उसे कमिश्नरेट का दौरा करवाया। करीब पौने पांच बजे एस्कार्ट के जरिए गिरीश गांधी नगर थाने पहुंचा। यहां उसे फिर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वह थानाप्रभारी की सीट पर बैठा। गिरीश ने हवालात-बैरक रूम का दौरा किया। करीब सवा पांच बजे पुलिस उसे छोड़ने एनजीओ दफ्तर गई।