Posted on 24-Jun-2016 11:12 AM
भगवान बुद्ध धर्म प्रचार के लिये भ्रमण पर थे। गांव के लोग उनसे उपदेश लेने पहुंचने लगे। सब लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाते और उनसे हल प्राप्त कर नई ऊर्जा के साथ लौटते। गांव के बाहर एक गरीब रास्ते में बैठा रहता था। गरीब ने सोचा क्यों ना मैं भी भगवान के पास अपनी समस्या लेकर जाऊँ ? हिम्मत करके वह भगवान बुद्ध के शिविर की ओर चल पड़ा। उसकी भी बारी आई। उसने भगवान बुद्ध को प्रणाम किया और पूछा, भगवान! मैं ही गरीब क्यों ? बुद्ध मुस्कुराए, बोले, तुमने कभी किसी को कुछ दिया नहीं इसलिए गरीब हो। वह आश्चर्य से भगवान का मुंह ताकने लगा और बोला, भगवान मेरे पास देने के लिये कुछ है ही नहीं। बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है। भगवान शांत भाव से बोले, तुम्हारे पास एक चेहरा है किसी को भी मुस्कुराहट दे सकते हो। तुम्हारे पास मुंह है किसी को भी प्रशंसा भरे कुछ शब्द दे सकते हो। दो हाथ हैं तुम्हारे पास किसी की मदद कर सकते हो। दरअसल जिसके पास ये तीन चीजें हैं वह गरीब कैसे हो सकता है? दरअसल गरीबी का भाव मन में होता है। मन से यह भ्रम निकाल दो। लोगों को देते जाओ गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी।