ईमानदारी

Posted on 13-May-2015 01:59 PM




एक बार एक व्यक्ति को बेकार घूमते फिरते देखकर एक धनी व्यक्ति ने उसे अपने बाग की रखवाली करने का काम सौंपा तो वह राजी हो गया। वह व्यक्ति कई वर्षों तक मेहनत व ईमानदारी से काम करता रहा।
एक बार धनी व्यक्ति के घर कुछ अतिथि आए। धनी व्यक्ति ने उस व्यक्ति को कुछ मीठे आम लाने को कहा। वह व्यक्ति आम उन्हें दे आया। जब अतिथियों ने आम खाए तो सारे खट्टे निकले। धनी व्यक्ति बहुत नाराज हुआ बोला, ”क्या तुम्हें खट्टे और मीठे आमों की पहचान नहीं है ?“ बाग के रखवाले ने कहा, ”मुझे इस बारे में कुछ मालूम नहीं है।”
धनी व्यक्ति ने जब कारण जानना चाहा तो उसने कहा ”मैंने आज तक एक भी आम नहीं चखा है।“  फिर जब धनी व्यक्ति ने कारण पूछा तो रखवाले ने कहा, ”हुजूर आपने मुझे आज तक आम खाने के लिए नहीं कहा।“ 
इस पर धनी व्यक्ति ने कहा, ”तुम सारा दिन बगीचे में रहते हो तुम जब चाहते आम खा सकते थे। इस पर मेरे कहने न कहने की क्या बात थी ?“
रखवाले ने कहा, ”आपने मुझे रखवाली के लिए रखा है, मैं दूसरों को चोरी करने नहीं देता, तो खुद कैसे करता? बिना आपकी आज्ञा के यह चोरी ही कहलाती।“
यह व्यक्ति आगे चलकर महात्मा इब्राहिम के नाम से संसार में प्रसिद्ध हुआ।


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