Posted on 09-May-2015 12:24 PM
गुरु नानकदेव सादा जीवन जीते और प्रभु को याद करने की प्रेरणा देते थे। एक बार की बात है उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला, बाबा मैं चोरी और दूसरे अपराध करता हूं। मेरा जीवन सुधर जाए, ऐसा कोई उपाय बताइए। गुरुनानक देव जी ने कहा कि, तुम चोरी करना बंद कर दो। सत्य बोलने का व्रत लो। तुम्हारा कल्याण हो जाएगा। वह व्यक्ति उन्हें प्रणाम कर लौट गया। कुछ दिन बाद वह फिर आया। बोला, बाबा चोरी करने और झूठ बोलने की आदत नहीं छूट रही है। मैं क्या करूं। गुरु नानक जी बोले, भैया, तुम अपने दिन रात का वर्णन चार लोगों के सामने कर दिया करो। चोर ने अगले दिन चोरी की, लेकिन वह लोगों को बता नहीं पाया, क्योंकि उसे डर था कि लोग उससे घृणा करने लगेंगे। उसने उसी क्षण चोरी न करने का संकल्प लिया। कुुछ दिन बाद वह नानक देव जी के पास गया और बोला बाबा, आपके सुझाए तरीके ने मुझे अपराधमुक्त कर दिया है। अब में मेहनत की कमाई कर गुजारा करता हूं।
सीख:
यदि खुद में बदलाव करना है, तो सबसे पहले स्वयं को बदलना होगा। आपकी आदतें आपका व्यवहार स्वयं बदल जाएगा।