चार बातें सास के लिए

Posted on 02-May-2015 11:14 AM




अगर आप सास हैं, और अपने परिवार में सुख-शांति चाहती हैं, तो मेरी चार बातें ध्यान में रखिए। पहली बात, बहू और बेटी में फर्क मत डालिए। बहू को ही बेटी मानिए। दूसरी बात, कभी बहू से झगड़ा हो जाए, तो बहू के पीहर वालों को भला-बुरा मत कहिए। इसे बहू बर्दाश्त नहीं करेगी। तीसरी बात, मंदिर में बैठकर बहू की बुराई मत करिए। इससे सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाएंगे। चैथी बात, हमेशा ध्यान रखिए कि एक बहू की इच्छा क्या होती हैं ? ‘क्योंकि, सास भी कभी बहू थी’।
    जो नहीं है, उसके पीछे पागल मत बनो: सुखी-जीवन का राज है कि जो तुम्हारे पास है, उसका आनंद लो, जो नहीं है, उसके पीछे पागल मत बनो। बतौर उदाहरण - तुम्हारी जेब में 90 रुपये हैं, तो उनका आनंद लो। 100 रुपये में 10 कम हैं, इसका दुःख मत करो। 100 करने के चक्कर में मत पड़ो, क्योंकि 100 तो कभी पूरे होंगे नही, मगर यह हो सकता है कि जो 90 हैं, वे भी चले जाएं। सम्राट सिकंदर के भी पूरे 100 नहीं हुए, तो फिर तुम किस खेत की मूली हो ? तुम तो मूली भी बहुत ‘मामूली’ हो।
जितना समय एक व्यक्ति शौचालय में देता है, इतना ही समय एक व्यक्ति को राजनीति में देना चाहिएः दरअसल, जीवन में राजनीति का महत्व ‘शौचालय’ से ज्यादा कतई नहीं होना चाहिए। कारण कि फ्रिज में ज्यादा देर तक रखा हुआ पानी बर्फ बन जाता है। और रात-दिन राजनीति में रचा-बसा आदमी भी बेईमान हो जाता है।
                              -मुनिश्री तरूणसागर


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