Posted on 07-May-2015 02:15 PM
धरती पर एक भी ऐसा इंसान आपको नहीं मिलेगा, जिसके पास कोई न कोई समस्या न हों, बशर्ते कि उस इंसान ने समाधि की स्थिति को पा न लिया। समस्याएँ होती हैं। बल्कि हम यह कहना पसंद करेंगें कि - “समस्या है, यह इस बात का प्रमाण है कि जीवन भी है।” हमें इस सच्चाई को बहुत खुले मन से, पूरी उदारता के साथ मान लेना चाहिए कि समस्याएँ हमारी जिन्दगियों की अनिवार्य और अभिन्न हिस्सा होती हैं, ठीक वैसे ही, जैसे कि हमारी त्वचा हमारी देह का हिस्सा है। करेंगें कि - “समस्या है, यह इस बात का प्रमाण है कि जीवन भी है।” हमें इस सच्चाई को बहुत खुले मन से, पूरी उदारता के साथ मान लेना चाहिए कि समस्याएँ हमारी जिन्दगियों की अनिवार्य और अभिन्न हिस्सा होती हैं, ठीक वैसे ही, जैसे कि हमारी त्वचा हमारी देह का हिस्सा है।
वैसे ही, जैसे कि हमारी त्वचा हमारी देह का हिस्सा है।
कुछ समस्याएँ छोटी होती है, तो कुछ समस्याएँ बड़ी होती है। बड़ी समस्या वाले का तो रोना बड़ा होता ही है, मैंने पाया कि छोटी समस्याओं वालों ने भी अपने रोने का आकार बड़ा कर लिया है। यहाँ मैं इस विषय में एक सच्चाई जोड़ना
चाहूँगा कि आपको यह मानकर चलना चाहिए कि यदि आपकी जिन्दगी बड़ी है, तो आपकी समस्या भी बड़ी ही होगी। यदि आप चाहते हैं कि “मेरी समस्याएँ यदि हों, तो छोटी हों” तो आपको चाहिए कि आप अपने लिए छोटी जिन्दगी चुन लें। घडि़याल घड़े में नहीं रह सकता। अमेरिका के राष्ट्रपति जाँन एफ केनेडी द्वारा शपथ ग्रहण करने के एक दिन पहले राष्ट्रपति आइजानहाॅवर ने उन्हें सलाह दी थी कि आपको पता चलेगा कि अमेरिका के प्रेसिडेंट के पास कभी आसान समस्याएँ नहीं आतीं। यदि उन्हें सुलझाना आसान होता, तो किसी दूसरे ने उन्हें सुलझा लिया होता। राष्ट्रपति जाँन एफ केनेडी द्वारा शपथ ग्रहण करने के एक दिन पहले राष्ट्रपति आइजानहाॅवर ने उन्हें सलाह दी थी कि आपको पता चलेगा कि अमेरिका के प्रेसिडेंट के पास कभी आसान समस्याएँ नहीं आतीं। यदि उन्हें सुलझाना आसान होता, तो किसी दूसरे ने उन्हें सुलझा लिया होता।