Posted on 29-Apr-2015 12:39 PM
हमारे दाँतों की रचना - नीचे और ऊपर के जबड़ों में जो अस्थि जैसी संरचनायें पंक्तियों में हैं ये ही दाँत हैं। वयस्क व्यक्ति में 32 दाँत होते हैं। प्रत्येक जबड़े में 16-16 दाँतों में से कुछ दाँत दो बार निकलते हैं। यह दाँत देखने में सब एक जैसे लगते हैं, जबकि ऐसी बात नहीं है। रचनात्मक दृष्टि से इनमें थोड़ा अन्तर भी है।
जन्म के 6-7 मास पूरे होते-होते दाँत निकलने लगते हैं। इन्हें दूध के दाँत (मिल्क टीथ) कहते हैं। दूध के दाँत पहले नीचे के जबड़े के सामने से निकलते है। इन दूध के दाँतों की संख्या बीस होती है, जो 3 वर्ष पूरा होते-होते निकल आते हैं। छठें से सातवें वर्ष से ये दूध के दाँत गिरने लगते हैं। ये एक साथ सब नहीं गिरते हैं, बल्कि 1-1 कर गिरते हैं और उनके स्थान पर पुनः नये दाँत निकलने लगते हैं। ये दाँत स्थायी होते हैं। स्थायी दाँत दूध के अस्थायी दाँतों के स्थान पर निकल आते हैं। 12-13 वर्ष की आयु तक दूध के सारे दाँत गिर जाते और उनके स्थान पर नयेे दाँत निकल आते हैं। इनके साथ-साथ कुछ और नये दाँत निकल आते हैं, जिनकी संख्या 28 तक पहुँच जाती हैं। दूध के दाँत स्थायी दाँतों की अपेक्षा छोटे और चमकीले होते हैं। यदि शरीर में कैल्सियम की कमी हो तो दाँत उचित समय पर नहीं निकलते और निकलने के समय बच्चे को काफी कष्ट भुगतने पड़ते हैं।
दाँतों की आकृतियाँ- दाँत देखने में भले ही एक जैसे लगते हैं, लेकिन रचनात्मक दृष्टि से उनमें भिन्नताएँ पायी जाती हैं। ये भिन्नताएँ (भेद) उनके कार्य के अनुसार होती हैं, जैसे (1) काटने वाले दाँत, (2) भेदन करने वाले दाँत, (3) कुचलने वाले दाँत, (4) चबाने वाले दाँत,
दाँतों का विवरण - जैसा कि नाम से ही दाँतों के सम्बन्ध में बहुत कुछ स्पष्ट हैं:-
1. काटने वाले दाँत - अर्थात् वह दाँत जिससे हम किसी फल या आहार को काटते हैं। ऐसे दाँत सामने की ओर नीचे और ऊपर वाले जबड़े में कुल 4-4 होते हैं। ये चैड़े चपटे होते हैं। इन्हें कर्तन दाँत भी कहते हैं।
2. भेदन करने वाले दाँत- काटने वाले या कर्तन दाँत के बाद दोनों ओर, दोनों जबड़ों में 1-1 नुकीला दाँत होता है। इन्हें भेदन करने या फाड़ने वाले दाँत भी कहते हैं। जो जीव माँसाहारी होते हैं, उन जीवों (जानवरों) में ये दाँत नुकीले होने के साथ-साथ अपेक्षाकृत लम्बे भी होते हैं। मनुष्य में ये कुल 4 दाँत, दो नीचे के जबड़े में और दो ऊपर के जबड़े में होते हैं।
3.कुचलने वाले दाँत- भेदन करने वाले दाँतों के बाद दोनों ओर 2-2 कुचलने वाले दाँत अर्थात् कुल चार, नीचे के जबड़े में होते हैं। इसी प्रकार कुल चार दाँत ऊपर के जबड़े में होते है। इस प्रकार मनुष्य में कुचलने वाले दाँतों की कुल संख्या 4+4=8 होती है।4.चबाने वाले दाँत-कुचलने वाले दाँतों के दोनों ओर 3-3 चबाने वाले दाँत या चर्वणक दाँत होते हैं अर्थात् इनकी संख्या नीचे एवं ऊपर के जबड़े में 6-6 कुल 12 दाँत होते हैं। चबाने वाले जो 3-3 दाँत दोनों ओर, नीचे तथा ऊपर के जबड़े में होते हैं, प्रत्येक जबड़े के अन्तिम दाँतों को विवेक दाँत या ज्ञान दाँत कहते हैं। इस तरह प्रत्येक जबड़े में कुल 16 दाँत होते हैं।