Posted on 18-May-2015 02:04 PM
शहद के गुण वहाँ के स्थान पर होने वाली फसल, होने वाले पेड़-पौधे, वृक्ष और लताओं के आधार पर होता है क्योंकि मधुमक्खियाँ वहाँ का रस लेकर ही शहद का निर्माण करती है। इसी कारण इनके रंग एवं गुणांे में भिन्नता पायी जाती है।
शहद चैत्र या कार्तिक मास में ज्यादातर तोड़ कर इकट्ठा करना ज्यादा प्रभावशाली व गुणी, होता है। 22 तरह के एमीनो एसिड केवल शहद में ही पाये जाते हैं। इसलिए शहद सबसे जल्दी ऊर्जा देने वाला पदार्थ है। अभी तक 22 तरह के एमीनोएसिड एक ही पदार्थ में पाया जाता है। इसी कारण जिस तरह की दवाई इसके साथ दी जाती है, उसके गुणों मंे वृद्धि कर देता है। शहद को गर्म किया जाता है तो इसके सारे गुण नष्ट हो जाते हैं, इसलिए इसको गर्म नहीं करते। इसको गुनगुने पानी से ही लिया जाता है, गर्म-गर्म पानी में नहीं लेना चाहिये।
ठण्डे पानी के साथ शहद का प्रयोग - ठण्डे पानी के साथ शहद का प्रयोग ताकत देने वाला, ऊर्जा देने वाला, शक्ति देने वाला होता है।
मुँह का सूखना, मल का सूखना, त्वचा रोग, गठिया रोग, मोटापा, जलन-पेट की, सीने की, पेशाब में जलन, आँखों में जलन, हृदय रोगों, अजीर्ण गैस आॅफरा आदि कई रोगों को दूर करता है।
दो चम्मच शहद को एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पीना चाहिये दिन में दो बार।
शहद का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ:- शहद मोटापा को दूर करता है। अपच, जोड़ों का दर्द, गठिया, बादी आदि रोगों को दूर करता है। शहद में अदरक मिलाकर चाटने पर खाँसी में तत्काल लाभ मिलता है। शहद को आँख में डालने पर आँखों के कई रोग, जैसे जाला आना, पानी का सूख जाना, आँखों में जलन होना आदि रोग ठीक हो जाते है।
दूध के साथ शहद का प्रयोग करने पर ताकत देने वाला व पौष्टिक होता है। त्वचा पर शहद की मसाज करने पर त्वचा में चमक आती है। तथा त्वचा मुलायम होती है। त्वचा के रोग जैसे त्वचा का कटना, काली हो जाना, दाग धब्बे होना, खुजली होना। त्वचा में जलन होना, दाद होना जैसे रोग मिट जाते हैं।
पाचन की क्रिया को पुनः ठीक रखने के लिए एक दो दिन पानी शहद पर निर्भर रहे तो अद्भुत लाभ मिलता है। नीबू पानी शहद का मिश्रण भी डायबिटिज पाचन सम्बन्धी रोगों में अति लाभकारी है।
मुँह के छाले, कैंसर, पाइल्स, मस्सा, भगन्दर, टाॅन्सिल जैसे रोगों में दो-दो चम्मच शहद प्रतिदिन चाटना चाहिये। जले हुए स्थान पर शहद लगाना अति लाभकारी है।