Posted on 08-Jul-2015 01:58 PM
हम अक्सर अपने घरो में गेहूँ का चोकर छानकर बाहर निकाल फेंकते हैं परन्तु यही चोकर अद्वितीय प्राकृतिक औषधि भी है। आइए जानते हैं इसी गुणकारी चोकर के विषय में कुछ नजदीक से।
भोजन को पचाए - गेहूँ का चोकर भले ही देखने में खुरदुरा-सा आभास होता हो, परन्तु यह चबाते समय मुंह की लार में खुद-ब-खुद-मुलायम हो जाता है। यही नहीं, यह मुंह की लार को भी काफी अधिक मात्रा में समेट लेता है, जिससे भोजन को पचाने में काफी मदद मिलती है।
रोगों से लड़ने की शक्ति - चोकर में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, तांबा, सल्फर और विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में होने के कारण क्षारधर्मी गुण पाये जाने की वजह से यह खुन में रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाता है, जिससे बीमारिया शरीर से कोसों दूर भाग जाती है।
पेट साफ रखें - चिकित्सकों के मतानुसार, गेहूं का चोकर मल को सूखने नहीं देता। परिणामस्वरूप, बिना धूम्रपान किये एवं बिना जोर-जबरदस्ती के शौच के वक्त शरीर में मौजूद मल आसानी से बाहर निकल जाता है, अधिक जोर लगाने से नाड़ी कमजोर पड़ जाती है। चोकर के सेवन से पेट साफ होने में कोई रूकावट महसूस नहीं होती है और पेट संबंधी बीमारियों से भी स्वतः छुटकारा मिल जाता है।
कैंसर से मुक्ति- यदि आप स्वस्थ शरीर के मालिक बनने के तनिक भी इच्छुक हैं तो चोकर अवश्य खाए। ऐसा मानना है डाॅक्टरों का, क्योंकि चोकर में विद्यमान गुणकारी तत्व शरीर में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का नाश करने की अद्भुत शक्ति रखते हैं।
हृदय का रक्षक - गेहूँ का चोकर अपनी गुणकारी शक्तियों के बलबूते पर आमाशय के घाव को तो ठीक कर ही देता है साथ ही कोलेस्ट्रोल से बचाकर हृदय रोग से भी निजात दिलाता है, जिससे हृदय सुरक्षित होता है। इस प्रकार देखा जाए तो गेहूं से निकला चोकर बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिसे भोजन से निकालकर हम शरीर का नाश कर बैठते हैं। इतना ही नहीं, चोकर रहित आटे की रोटी का सेवन करने से भी शरीर अनेक व्याधियों का शिकार बन जाता है। फलस्वरूप स्वयं को रोगी महसूस करने लगता है, इसलिए जहाँ तक संभव हो सके चोकर को अपने भोजन में सम्मिलित करके इडली, डोसा, कचैड़ी तथा बिस्किट आदि बनाकर सेवन करते रहना कतई नहीं भूलें। यकीनन, यह आपको स्वस्थ बनाये रखने में सौ फीसदी अपनी अहम भूमिका निभाता नजर आयेगा।