निम्न रक्तचाप को ठीक करें

Posted on 28-May-2015 02:47 PM




निम्न रक्तचाप आकस्मिक घटनाओं में जीवन का संतुलन बिगाड़ देता है। उत्साहए उमंगताए प्रफुल्लताए मुदिताए हँसी और खुशी के विराम का परिणाम यह रोग दर्शाता है जो न हँसते हैं न मुस्कुराते हैंए उनको यह रोग डसता है।

कारणरू. 
    लगातार बुखार बने रहना।
    लंबी व पुरानी बीमारियों का होना जैसे टीबीए खाँसीए दमाए जुकामए पेचिसए दस्तए आँव का होना।
    पीलिया रोग होना।
    किडनी संबंधी रोग होना।
    अच्छा व पोषणयुक्त भोजन का अभाव होना।
    रक्त की कमी।
    पिटयूटरी ग्रंथी की विकृति।
    माहवारी संबंधी विकृति।
    विटामिन्स व मिनरल्स की कमी होना।
    केल्शियमए प्रोटीनए कोर्बोहाइड्रेट के पाचन की विकृति।
    तनाव व दबाव में रहना।
    निराश व नकारात्मक विचार में रहना व सोचना।
    हृदय रोग होना ;हृदय मंे छेद होनाद्ध।
    आॅक्सीजन की कमी।

निवारणरू.    
 दिन में खूब हँसनाए खिलखिलानाए मुस्कुराना।
 प्रकृति के फूलों को निहारने से विचार व व्यवहार में बदलाव आता है इसलिए नित्य घूमना बगीचे में चाहिए।
 नित्य प्राणायाम करने से प्राण तत्त्व बढ़ता हैै और रक्त परिवर्तित होकर ताजगी देता है। आॅक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है।         प्राणायाम में कपाल भांतिए भस्त्रिकाए सूर्यभेदी अनुलोम. विलोमए भ्रामरी व ओउ्म का उच्चारण करें।
   अग्निशार क्रिया करें। योगासनों में उत्तानपादासनए पवनमुक्तासनए सिंहासनए सूर्यनमस्कारए साइकिलिंगए चक्की संचालन आदि करें। पैरों को ऊपर रखेंए यानी तकिया साइड नीचा व पैर साइड का भाग ऊँचा पलंग को बनाकर सोवें।
    मुनक्काए किसमिस का भरपूर प्रयोग दिन में 2.3 बार करें। 
    सोंठए लौंगए कालीमिर्चए शहद का प्रयोग करें या सोंठए मिर्चए पीपल की गुड़ के साथ गोेली बनाकर खावें दिन में 2.3 बार।
    मक्खनए मिश्री का प्रयोग करें।
    गुनगुने दूध में शहद 2 चम्मच मिलाकर पीवें। 
    मौसम्मीए संतराए अंगूरए आमए खरबूजा का प्रयोग अति लाभकारी है। 
    गेहूँ का ज्वारा व गेहूँ का पानी व महुआ का रस अति उत्तम कार्य करता है।    
    पाइनएॅॅप्पल का रस जीवन में मिठास घोल देता है। 
    गरम ठंडा कमर का स्नान।
    शुद्ध व रुचिपूर्ण भोजन करें। 
    निराश व नकारात्मक लोगों से बचंे।
    नित्य नया सृजन करें। 
    उत्साहए उमंग व तरंग पैदा करने वाले व्यक्ति व गानों को सुनेंए गुनगुनाएँ व बजाएँ। 
    कल की चिंता को छोड़ेंए भूत व भविष्य की कल्पना में नहीं खोवेंए वर्तमान में जीवें।
    सद्ग्रंथों का अध्ययन करें।
    अंकुरित अन्न व शहदए पिण्डखजूरए छुआरेए अंजीरए टमाटरए बैंगनए गोभीए गाजरए मूलीए खोपरा का प्रयोग अति लाभदायक है।


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