Posted on 05-May-2015 02:15 PM
थाॅइरायड के लक्षण
ऽ तेज धड़कन ऽ फोकस करने में परेशानी ऽ अचानक भूख बढ़ना ऽ पसीना आना ऽ व्यग्रता, डर का अहसास ऽ वजन मंे तेज गिरावट ऽ थकान का अहसास ऽ ज्यादा ठंड लगना ऽ मांसपेशियों में कमजोरी ऽ नाखून खराब होना ऽ आवाज कर्कश होना ऽ बेवजह वजन में बढ़ोतरी ऽ थाइराॅयड ग्रंथि का बढ़ना ऽ गले की ग्रंथियों में जलन होना
क्या हैं रोकथाम
हाइपोथाइराॅयड में हार्मोन का बहुत कम स्त्राव होता है, जिसकी वजह से कमजोरी, सुस्ती, मोटापा, कब्ज, थकावट, भूख न लगना आदि शिकायतें शुरू हो जाती है। कुछ बातों का ध्यान रख कर आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।
खास टिप्स
ऽ धूम्रपान, गुटका, तंबाकू, चाय, काॅफी, चाॅकलेट आदि चीजों को छोड़ कर ही इस रोग से स्थायी छुटकारा मिल सकता है। धूम्रपान थाइराॅयड को हानि पहुंचा सकता है और यह भी हो सकता है कि इससे थायराॅएड की स्थिति और भी बिगड़ जाए।
ऽ तनाव कम करें। इस रोग में तनाव, कुंठा, क्रोध को अपने सिर पर लादे नहीं, बल्कि इनका सूझबूझ तथा सामान्य बुद्धि से हल निकालें। अपनी जीवनशैली को बदलने का प्रयास करें।
ऽ बहुत कम या बहुत ज्यादा आयोडिन होना भी हाइपोथाइराॅयड या ग्लैंड के खतरे को बढ़ा सकता है।
ऽ साफ पानी पिएं।
ऽ कुछ लोग आसन व कम समय में किए जा सकने वाले व्यायाम कर सकते हैं। शुरुआत में छोटे कदम उठाए जा सकते हैं। अगर आप इस प्रोग्राम को आजमाना चाहते हैं तो 15 मिनट टहलने से शुरुआत कीजिए। साथ ही ऐसे खाने से बचिए, जिनके बिना आपका काम चल सकता है। इन बदलावों को आसानी से अंजाम देने के लिए आप ऐसा दोस्त चुन सकते हैं, जो ये सब करने में आपकी मदद करे। अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करें। इस रोग में भस्त्रिका, कपालभांति और अग्निसार प्राणायाम काफी कारगर हैं। इनसे चयापचय गति बढ़ती है। ये सुस्ती, आलस्य तथा थकावट को दूर करने में उपयोगी सिद्ध होते हैं।
ऽ सोया का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।