सही खान-पान से रोगों को मात दें

Posted on 30-Apr-2015 02:03 PM




खानपान हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें एनर्जी देने के साथ-साथ रोगों से भी बचाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हमें यह पता हो कि किस बीमारी में कौन से फल या सब्जियां ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जानते हैं उनके बारे में।
खानपान के साथ दंे रोगों को मात
हृदय व बीपी के मरीज
क्या खाएँ: मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियां खाएँ। फलों में सेब, अमरूद, पपीता बेहतर विकल्प हैं। फाइबर युक्त हरी पत्तेदार व विभिन्न रंगों की सब्जियां जैसे कद्दू, शिमला मिर्च का प्रयोग करें। बाजरा, आटा व रागी जैसे साबुत अनाज व अंकुरित चीजें खाएँ और छेना से बनी मिठाई लें।
न खाएँ: गरिष्ठ व तली-भुनी चीजें न खाएँ। ट्रांस फैट, पैक्ड फूड, सूजी और मैदे से बने खाद्य पदार्थों से परहेज करें। बेकरी प्रोडक्ट्स प्रयोग में न लें क्योंकि इनमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है। नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।
क्या करें: सोने से 3-4 घंटे पहले भोजन करें वर्ना पेट व हृदय संबधी समस्या हो सकती है। रोजाना 25-35 मिनट की वाॅक करें। इस रोग के मरीज को पत्तागोभी, ब्रोकली, मटर और 
पालक खिलाएँ। सर्दी और जुकाम की समस्या को दूर करने के लिए टमाटर, लौकी व पालक ज्यादा फायदेमंद होते हैं। क्योंकि ये विटामिन, आयरन, मिनरल्स और कैल्शियम के प्रमुख स्त्रोत हैं। टमाटर में मौजुद लाइकोपिन एंटीआॅक्सीडेंट का काम करता हैं जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। लेकिन सूप बनाते समय टमाटर के साथ अन्य सब्जियां जैसे पालक, लौकी या मटर जरूर मिलाएँ वर्ना गले की तकलीफ बढ़ सकती है। मरीज के लिए सब्जी बनाते समय उसमें घी, तेल या मिर्च-मसालों का प्रयोग कम करें।
डायबिटीज में
शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने के लिए हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें। ज्यादा देर खाली पेट न रहें, इससे शरीर में हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम होना) का स्तर कम होने लगता है।
क्या खाएँ: फाइबर युक्त चीजें खासकर जौ, चना व गेहूं के आटे से बनी रोटी सुबह-शाम खाएं। छाछ व 100 ग्राम फल रोजाना खा सकते हैं।
न खाएंँः चुकंदर, शकरकंद, आलू व मीठे से परहेज करें। टेबल साॅल्ट यानी खाने के ऊपर अलग से नमक डालने से बचें।
क्या करें: साथ में टाॅफी हमेशा रखें और चक्कर आदि आने पर फौरन खा लें। रोजाना आधा घंटा व्यायाम करें।
किडनी रोगी दें ध्यान
किडनी के मरीज को केराटिनिन की मात्रा को नियंत्रित रखने के अनुसार ही डाइट लेनी चाहिए। इन रोगियों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
क्या खाएँ: सब्जियों में पत्तागोभी, गाजर, खीरा आदि लें। फलों में स्ट्राॅबैरी, रसबैरी व ब्लूबैरी खाएँ। दर्द में राहत के लिए ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से भरपूर अखरोट खाएँ।
ध्यान रहे: हरी पत्तेदार सब्जियों को पानी में उबालकर ही प्रयोग करें, इससे इनमें मौजूद सोडियम की मात्रा पानी में मिल जाएगी। बाद में इस पानी को फेंक दें।
क्या करें: रोजान सुबह टहलना चाहिए जिससे शरीर में आॅक्सीजन की पूर्ति होती रहे और किडनी सही तरीके से काम करें।
अस्थमा के साथ
क्या खाएँ: विटामिन, मिनरल, और प्रोटीन युक्त चीजें खाएँ। फलों में अंगूर, सेब, स्ट्राॅबैरी, अमरूद, संतरा और कीबी फायदेमंद हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्तागोभी आदि को भोजन में शामिल करें।
क्या करें:  ठंडी व खट्टी चीजों से परहेज करें। जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचें। दवाओं को हमेशा साथ रखें। साँस संबंधी हल्का-फुल्का व्यायाम और योग 10-15 मिनट जरूर करें।
लिवर की तकलीफ
क्या खाएँ: ऐसे मरीजों को नीबू व नारियल पानी, गन्ना, मूली, पालक, तुरई, लौकी, शलजम या गाजर का जूस पीना चाहिए। इससे लिवर पर जमे दूषित कण दूर होकर खून साफ होता है। अमरूद, तरबूज, नाशपती, मौसमी, अनार, सेब, पपीता और आलूबुखारा जैसे फल खाएँ।
क्या करें: सुबह 2-3 गिलास पानी पिएँ। कम से कम 40-45 मिनट के लिए टहलें और प्राणायाम करें। भोजन करने के दौरान पानी न पिएँ, आधे घंटे बाद पानी पिएँ। चाय, काॅफी, शराब, धूम्रपान और जंकफूड से परहेज करें।


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