Posted on 14-Jul-2016 12:10 PM
यह गलग्रन्थि स्वांस नली के चतुर्दिक स्थित होती है। इससे थायरॉक्सिन नामक हॉर्मोन निकलता है। यह थायरोक्सिन उस सामान्य गति को नियन्त्रित करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है। थायरॉक्सिन की मात्रा कम रह गई तो ऊर्जा धीरे धीरे पैदा होती है, भले ही शरीर में खाद्य सामग्री पर्याप्त भरी हो। ऐसी स्थिति में व्यक्ति आलसी हो जाता है। यदि थायरॉक्सिन अधिक हो जाए, तो क्रियाशीलता बहुत बढ़ जाती है। उस स्थिति में व्यक्ति अधीर, अशान्त, उत्तेजित, बकवादी हो सकता है। इस प्रकार आलस्य और उत्साह के लिए यही केन्द्र जिम्मेदार है। प्रतिभाशाली, विकासोन्मुख व्यक्तियों को वैसा अवसर थायरॉइड की सुव्यवस्था से ही प्रदान किया होता है।