बुखार आए तो ये करें उपाय

Posted on 31-Jul-2015 01:51 PM




बुखार कोई रोग या बीमारी नहीं है बल्कि शरीर क्षीण होने की प्रतिक्रिया का संकेत है। बुखार शरीर से गंदगी निकालने की एक प्रक्रिया है जिसमें भूख नहीं लगती है, खाने की इच्छा नहीं होती है। किसी भी अंग में कष्ट होने या शरीर के साथ ज्यादती होने पर बुखार के माध्यम से संकेत देता है और कहता है, स्वास्थ्य को संभालो।
कारण:-

  • बार-बार व अनावश्यक भोजन करना। 
  • अजीर्ण में भोजन करना।
  • शरीर में कोई फोड़ा-फुंसी व जटिल रोग जैसे -गठिया, दमा (अस्थमा), पोलियो आदि होना। 
  • शरीर के किसी हिस्से में चोट लग जाना या क्षमता से अधिक कार्य कर लेना।
  • किसी भी तरह का डर व भय।
  • किसी वायरस, बैक्टिरिया का संक्रमण होना।
  • लम्बे समय तक जुकाम रहना।
  • मौसम में बदलाव होना।

उपचार:-

  • कारणों का निवारण करें। बुखार आते ही शरीर को विश्राम कराएँ और भोजन में सिर्फ फल, जूस, सूप या उबली हुई सब्जी या दलिया खिचड़ी लें। 
  • नीबू पानी शहद पर भी एक दो दिन रहें तो अच्छा लगेगा।
  • पेट पर गरम थैली का सेक देकर मिट्टी की पट्टी दें या गीली चादर लपेट कर मरीज को ऊपर से कम्बल ओढ़ा दें, इससे बड़ा चमत्कारिक लाभ मिलता है। 
  • लौंग 2 छोटी पीपल अदरक 2 ग्राम तुलसी पत्ते 10 मुनक्का 10 नमक स्वाद के अनुसार कालीमिर्च 7 सबको पीसकर गुनगुना करें। सुबह-शाम लें। 
  • गिलोयपत्र चिरायता कुटकी को समान मात्रा में लेकर पानी से एक-एक चम्मच सुबह-शाम लें। 
  • नीबू को काटकर उस पर पीपल उबालकर पिएँ। 
  • अनार व उबला हुआ सेव भी लाभकारी होता है।
  • 2 लौंग पीसकर ठंडे या गुनगुने पानी से लें।
  • चिरायता बुखार को चाट जाता है। 
  • कुटकी बुखार को कूटकर भगा देता है।
  • मौसम्मी रस बुखार में बहुत ही असरकारक है।

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