अतिसार - अतिसार (डायरिया) किसी संक्रमण, मानसिक तनाव या ज्यादा भोजन करने से होता है जिसमें बारम्बार पानीदार मल की प्रवृति होती है। पानी के अत्यधिक नुकसान से शरीर में निर्जलीकरण (डिहाइडेªशन) की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
अतिसार का सामना इस प्रकार करें
अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ जैसे ओ. आर. एस. का घोल, मट्ठा, चावल का माड़, सूप नारियल पानी, फलोें का रस और नीबू पानी पीए।
बच्चों को अतिसार की अवस्था में भी स्तनपान कराना जारी रखें।
केला और अन्य खट्टें फल खायें।
अधिक रेशेदार खाद्य पदार्थ न खायें।
ऐसे भोजन से बचे जो खूब मसालेदार हो।
तले हुए भोजन का प्रयोग न करें।
अपच: जल्दी-जल्दी ठीक तरह से चबाए बिना तथा तलें हुए भोजन का अधिक मात्रा मे सेवन करने से ंपेट फूलना या पेट में गैस का अनुभव होना एक आम समस्या है।
अपच का सामना इस प्रकार करें।
अधिक से अधिक मात्रा में फल, दही, मट्ठा और लौकी व कद्दू जैसी सब्जियां खाएं।
गोभी, बंद गोभी और पालक जैसी सब्जियां न खाएं।
कब्ज: जब ठीक प्रकार से मल त्याग नहीं होता तब बेचैनी अनुभव होने लगती है, सिर में दर्द होता है, जीभ में मैल जमा हो जाता है, सांस से दुर्गन्ध आती है तथा भूख नहीं लगती है।
कब्ज का सामना इस प्रकार करें
ऐसा भोजन करें जिसमें रेशेदार पदार्थ अधिक मात्रा में हों जैसे सलाद, छिलकें सहित फल, चोकर युक्त अनाज और दालें।
अंकुरित दालों का अधिक से अधिक सेवन करें। फलों का रस पीनें के स्थान पर संपूर्ण फल खायें।
प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी अवश्य पियें।
एसिडिटीःदिल मेें दर्द जैसी जलन का महसूस होना एसिडिटी है तनाव और दोषपूर्ण भोजन ही एसिडिटी का कारण होता है।