Posted on 04-Aug-2015 03:24 PM
रागी एक बेहद पौष्टिक है, जो दिखने में सरसों जैसा लगता है। रागी खासतौर पर अपने अमिनो एसिड मिथियोनाईन के लिए महत्वपूर्ण है, जो अकसर स्टार्च भरपुर खाने पर निर्भर करते हैं, जैसे कसावा, कच्चे केले, पाॅलिश किये हूए चावल और मकई। प्रोटीन, कॅलशियम, रेशांक और लौह से भरपूर रागी का प्रयोग विश्व-भर में विभिन्न खाद्य पदार्थ में किया जाता है।
रागी का उपरी परत पचाया नहीं जा सकता, और इसलिए इस अनाज का प्रयोग करने से पहले, इसके धअन को निकालना आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया से अंकुर निकलता या खराब नहीं होता और इसलिए इसकी पौष्टिकता बनी रहती है। इस अनाज का प्रयोग छिलकर, आटे में पीसकर या माल्ट बनाकर पीसकर किया जा सकता है, जिसका प्रयोग पाॅरिज, लड्डू, चावडर, रागी मूडे और कुछ नमकीन नाश्ते बनाने के लिए किया जा सकता है।
इसकी पौष्टिकता देखने के बाद, आजकल लोगों ने रागी को अन्य अनाज जैसे चावल और गेहूँ के साथ मिलाकर पारंपरिक व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है, जैसे इडली, उपमा और रोटी।
स्वास्थ्य विषयक