Posted on 07-Feb-2016 05:21 PM
तोंद शरीर को बेडौल तो बना ही देती है, अब नए अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि इससे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों के शिकार होने का खतरा भी बढ़ रहा है।
हमारे देश में ज्यादातर लोग इस बात को स्वीकार नहीं करते कि उनकी तोंद बढ़ रही है। शायद वे इस बात से भी अनजान हैं कि कमर का बढ़ता आकार उनके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। देश और दुनिया के स्तर पर हुए कई शोध साफ तौर पर यह कहते हैं कि पेट के उभार का सीधा संबंध उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी बीमारियों और मधुमेह से है।
दुनिया भर में हुए शोधों में यह सामने आया है कि पुरुषों में तोंद ज्यादा होती है। वहीं महिलाओं में कूल्हे के आसपास अधिक मांस होता है। भारत में यह आंकड़ा कुछ उल्टा है। यहां छह राज्यों (ग्रामीण व शहरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र और कर्नाटक) में 7,000 लोगों पर किए गए शोध से सामने आया है कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की तोंद अधिक है। पेट पर उभरा यह मांस 50 वर्ष की आयु के बाद हर चार में से एक महिला के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है।
पेट पर जो मांस जमा है, उसके स्वरूप से भी बीमारियों के खतरे से आगाह किया जा सकता है। आन्त्र से निकलता फैट, खून में फैटी एसिड्स रिलीज करता है। यह एसिड्स हार्मोंस के साथ मिल कर सूजन, बैड कोलेस्ट्रॉल, क्रिगलीसेरेड्स, रक्त ग्लूकोज और रक्तचाप को बढ़ाते हैं। ये न केवल हृदय संबंधी बीमारियों और हृदयाघात के खतरे को बढ़ाते हैं, बल्कि कुछ एस्ट्रोजन सेंसिटिव कैंसर जैसे रजोनिवृत्ति के बाद ब्रेस्ट और गर्भाशय के कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं।
आन्त्र द्वारा निकला फैट शरीर के भीतर ही जमा होता जाता है। पेट के भीतर यह लिवर, किडनी और आंत के आसपास जमा हो जाता है। इसके कारण मेटाबॉलिक बदलाव होते हैं, जो टोटल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देते हैं। इसके साथ एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। इससे रक्तचाप बढ़ता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।