Posted on 26-Jun-2016 11:38 AM
लौंग आदि सुगंधित पदार्थों का चूर्ण आवश्यकतानुसार ताजा बनाकर उपयोग में लेना चाहिए अन्यथा उसमें से ऊध्र्वगमनशील तेल उड़ जाता है और उसका गुण कम हो जाता है। लौंग का अधिक मात्रा में सेवन करने से आँख, मूत्राशय और हृदय पर अनिष्ट प्रभाव पड़ता है। यूनानी मतानुसार लौंग खुश्क-उत्तेजक और गर्म है। इसका सेवन करने से सिर दर्द दूर होता है, पाचन शक्ति बढ़ती है, दाँतों के मसूड़े मजबूत होते हैं। इसको पीसकर मलने से विष दूर होता है। वैज्ञानिक मत के अनुसार लौंग गर्म, जागृति लाने वाले और पेट का दर्द मिटाने वाले माने जाते हैं। लौंग के तेल की मालिश का असर सामान्यतः कपूर के तेल के समान होता है। लौंग का आसव बनाकर उसमें से सुगंधित पदार्थ तैयार किये जाते हैं। कोको, चाॅकलेट, आईसक्रीम आदि खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला बनावटी वेनीला एसेन्स लौंग में से ही तैयार किया जाता है। लौंग का तेल जंतुनाशक होता है।