Posted on 15-Jan-2016 02:53 PM
व्यक्ति, हमेशा गुणों की पूजा करता है। तुलसी हमेशा ही हमारे समाज में पूजनीय रही है। उसका कारण है तुलसी में निहित गुण। आरोग्य के लिए तुलसी अपने आप में बहुत से गुण समाए हुए है इसलिए इसे ’’घर का वैद्य’’ भी कहा जाता है। तुलसी मुख्यतः वात एवं कफ रोगों के लिए उपयोगी है। रोज 2 से लेकर 20 पत्ते खाने से हम अनेक रोगों से बचे रहते हैं।
शुद्धिकरण-वातावरण में प्रदूषण को खत्म करने के साथ-साथ, पानी में तुलसी के पत्ते डालने से जल का शुद्धिकरण भी हो जाता है।
खाँसी-तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटने से खाँसी में आराम होता है, चाहे दमा की खाँसी ही क्यों न हो।
कान दर्द -तुलसी पत्तों के रस की 2-3 बूँदें चुटकीभर कपूर के साथ मिलाकर दिन में दो बार कान में डालने से लाभ मिलता है।
चमड़ी के रोग -तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर उसमें नींबू का रस मिलायें। सूर्याेदय से लेकर सूर्यास्त तक शरीर के प्रभावित अंग पर इस पेस्ट को लगायें। अंग को आराम मिलता है। दाँत दर्द -काली मिर्च व तुलसी के पत्तों को दाँत में दबाकर रखने से दाँत दर्द में आराम मिलता है।
भूख बढ़ाना -तुलसी के पत्ते, बड़ी इलायची के दाने, जीरा, सोंठ, दाल-चीनी, अजवायन, सूखा पोदीना और काला नमक सब बराबर भाग में कूटकर कपड़े़ में छानकर पानी के साथ लेने से खुलकर भूख लगती है।
बुखार - 1 गिलास पानी में 10-15 पत्ते डालकर पानी आधा होने तक उबालें और चुटकी भर संेधा नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार पीएँ। पसीना आयेगा। बुखार में कमी आयेगी।
आधा सिर दर्द -तुलसी, काली मिर्च, सोंठ और सेंधा नमक को 2 कप पानी में आधा कप रहने तक उबालें। इस काढ़े को सुबह शाम पीने से सर्दी, जुकाम, गले की खराश, बुखार, सिर दर्द, हाथ व पैरों में टूटन जैसी सभी तकलीफों मंें लाभ मिलता है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति - तुलसी, मुनक्का, काली मिर्च, बादाम मिलाकर कूट कर गोलियाँ बनाकर रख लें। रोज 2-3 गोली खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।