Posted on 17-Jun-2015 12:11 PM
कान में दर्द होने का मतलब है रात की नींद व मन का चैन चकनाचूर हो जाना। इस छोटे अंग का दर्द अंदर से क्या है, क्यांे हो रहा है, पहचानने में भी नहीं आता।
कान दर्द के कारण:-
कान में पानी चले जाना।
कान में फंुसी होना।
कान में कीड़े-मकोड़े का चले जाना।
तेज ध्वनि में रहना।
कान में चोट लग जाना।
कान को अधिक मसल देना या सीक, गुल्ली चला देना।
कान के मैल का सूख कर कठोर हो जाना।
मोबाइल का अधिक प्रयोग करना।
कान में आई पाॅड लगाकर गाने या मोबाइल सुनना।
आदि कारणों के कारण दर्द होता है।
ऐसे मिलेगी राहत:-
सबसे पहले उन कारणों का निवारण करें।
कान में फंुसी होने पर नीम के पत्तों को सरसों के तेल में उबालकर उस तेल को डालें या उन कारणों से दूर रहें जिनसे कान दर्द होता है।
मुँह में पानी भरकर स्नान करें तथा नहाने के बाद कानों में ऊंगली डालकर कानों की मसाज या एक्सरसाइज करें।
महीने में एक दिन सरसों के तेल में लहसुन डालकर गर्म करें, तेल कान में डालें, लहसुन खा लें। अधिक दर्द में गीला तौलियाँ कान पर रखें तथा ऊपर से गरम थैली रखकर सेक करें।
तालाब या सरोवर में नहाते वक्त कानों मेें रूई लगा लें।
भोजन चबा-चबाकर करने से दाँत दाढ़ के सक्रिय रहने से कान ठीक रहते हैं।
2-3 लौंग तेल में तल लें तथा उस तेल को कान में डाल लें।
नित्य कान की मसाज करें।
च्युंगम चबाने से भी लाभ मिलता है।
नित्य भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें।