Posted on 25-Jul-2016 11:58 AM
कमरदर्द की कष्टप्रद बीमारी अनेक लोगों को होती है। इस बिमारी को टालने हेतू हमे कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। इस हेतू कुछ मुद्दों का ध्यान रखे। पीठ और कमर की योग्य स्थिति, योग्य पोषण और व्यायाम कमर के स्वास्थ्य हेतू त्रिसूत्री है। बैठकर काम करने वालों को कमर दर्द हो सकता है। जैसे की संगणक पर काम करना। ऐसे काम करते समय घुमने वाली कुर्सी, पीठ व गर्दन को सही आधार और पैरों के लिये टेबल के नीचे डंडे का आधार आवश्यक है। काम करते समय बीच-बीच में उठकर कुछ मिनिट तक मांसपेशियों का तनाव कम करे। खेलते हुए कमर-पीठ को धक्का ना लगे इस हेतू खेल के पूर्व योग्य खिचांव और ढीलेपन के व्यायाम करें। वृद्धावस्था में हड्डियों से चूना कम होने से वे खोखली होने लगती है। योग्य व्यायाम, चुना युक्त आहार और जीवनसत्त्व इसके लिये प्रतिबंधक है। भोजन में चूना अर्थात कॅल्शियम और प्रोभूजिन (प्रथिन) हो इसलिये बाजरा, रागी, हरी सब्जियॉं, दूध, दही आदि पदार्थ आवश्यक है। जीवनसत्व पाने के लिये सूर्य प्रकाश में काम करना, चलना/फिरना आवश्यक है। पीठ और कमर की मांस पेशियों को मजबूत रखना आवश्यक है। इसके लिये योग्य व्यायाम करना चाहिये। कमर गोलाकार और उलटी-सीधी घुमाना, उसी प्रकार कमर झुकाने और घुमाने के हल्के व्यायाम करना चाहिये इससे वहॉं के स्नायू, जोड स्नायूबंध और हड्डियाँ निरोगी रहती है। वजनी या भारी वस्तु उठाते समय शरीर के पास से उठाएँ, दूर से नहीं उसी प्रकार रीढ को सीधा रखने की कोशिश करें अधिक भार की अपेक्षा आप भार कैसे उठाते है और शरीर का उपयोग कैसे करते है, यह जादा महत्त्वपूर्ण है। गलत तरीके से भारी चीजे उठाने से क्षति व नुकसान हो सकता है। पीठ व कमर को निर्दोष व लचीला रखने हेतू योगासन करे योगासन में विभिन्न प्रकार के आसन होते है। इसमें खडे होकर, बैठकर, पीठ के बल तथा पेटके बल लेटकर करनेवाले आसन है। उसके लिये योग शिक्षक की सहायता लेनी चाहिये।