Posted on 07-May-2015 12:49 PM
सोने से पहले झगड़ा या चिन्ता करने वाली बातें नहीं करनी चाहिये। आनंद की बातें करते हुए सुख शांति से सोना चाहिए। मन की शांति होने क कारण ही गहरी निंद्रा आती है।
दिनभर शारीरिक व मानसिक कार्य करके मनुष्य थक जाता है इसलिए रात को निंद्रा, सात, आठ घंटे की स्वप्न दूषित निद्रा से कई गुना लाभदायक है। इससे शरीर के सब अवयवांे को अच्छी तरह से विश्राम मिलता है जो लोग देर तक चारपाई से चिपके रहते र्हैं यानि सोते रहते हैं, उनको गहरी निंद्रा का सुख कहां मिल सकता है, वह व्यक्ति न सोया होता है न जागा।
क्योंकि निंद्रा बार-बार टूटती है गहरी निद्रा पाने के लिये व्यायाम व शारीरिक परिश्रम आवश्यक है जो लोग चाहते हैं कि उन्हें गहरी निद्रा का सुख मिले, उन्हें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना ाहिये। दिन में मानसिक श्रम के अतिरिक्त शारीरिक श्रम अवश्य कीजिए। सोने का कमरा हवादार होना चाहिये। दरवाजे व खिड़कियाँ इस प्रकार हो जिससे प्रकाश कमरे में आये। एक ही कमरे में बहुत से लोग शयन न करें।
सोने का कमरा बहुत अधिक चीजों से भरा नहीं होना चाहिए इसमें प्राणवायु का नाश होता है। सोने से दो, तीन घंटे पहले भोजन करना चाहिये। रात को गरिष्ठ भोजन नहीं करना चाहिये। सोने से पहले गरम-गरम चाय, काफी या दूध नहीं पीना चाहिए। यदि हो सकगे तो सोने से पहले कोई भी चीज खाना पीना नहीं चाहिये। रात्रि को बहुत खा लेना या खाली पेट सोने से गहरी निद्रा नहीं आती। जो व्यक्ति हर समय चिंतित रहते हैं उनको स्वप्न बहुत आते हैं।