सेहत के लिए हरा धनिया

Posted on 12-Aug-2015 05:02 PM




आज से करीब पाँच हजार साल पहले ही हरे धनिए का उपयोग हमारे खान-पान में किया जाने लगा था। कुछेक जाति के लोग
हरा धनिया खाने के बहुत शौकीन थे। वे इसके बिना कुछ भी नहीं बना पाते थे। 18 वीं सदी में धनिए के बीजों का
उपयोग माउथफ्रेशनर बनाने के लिए किया गया। साथ ही शाकाहारी, नमकीन, सूप आदि में भी हरे धनिए का उपयोग
किया जाने लगा।
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार इसके उपयोग से शरीर को बहुत फायदे होते हैं। हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। हरा धनिया के साथ खास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को आराम देती है। इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है। शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है।
ताजा हरा धनिया व हरी मिर्च की चटनी उत्तरांचल में बहुत प्रसिद्ध है। इसका उपयोग मेहमान नवाजी में खासतौर पर
किया जाता है। गुजराती लोग खासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन और गुड़ मिलाकर इस चटनी का उपयोग करते हैं। धानिवाला कोरमा हरे धनिए के कारण ही कश्मीर में मशहूर है।
मध्यप्रदेश में गर्मी के दिनों में खास कर हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर चटनी बनाई जाती है। जो दाल-बाटी या
सादे भोजन के साथ भी बनाई जाती है। घर पर पानीपुरी बनाने-खाने वाले लोग भी हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले वाला पानी तैयार करते हैं। जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचनशक्ति को ठीक करने का काम करता है। 
हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर उपयोग किया जाता है।
इतने सारे गुणों के बाद यह कमाल है कि यह बहुत ज्यादा महँगा नहीं होता। और बाजार में बारह महीने आसानी से
उपलब्ध रहता है। सिर्फ गर्मी के दिनों में इसके भावों में कुछ तेजी आ जाती है। सचमुच हरा धनिया बहुत ही उपयोगी है। कुछ लोग तो केवल सजावट के तौर पर कभी-कभी इसका उपयोग करते हैं, लेकिन अधिकतर घरों में तो रोजाना हरे धनिया का
इस्तेमाल होता है। 


Leave a Comment:

Login to write comments.