ज्यादा ठंडा पानी पीने से परहेज करें

Posted on 07-Aug-2015 03:09 PM




क्योंकि शरीर का आंतरिक तापमान अधिक होता है, अगर हम अत्यधिक ठंडा पानी पीते है तो वह आंतरिक अंगों की कार्यक्षमता को शिथिल कर देता है।
सवेरे सोकर उठते ही 2-3 गिलास पानी लें| सुबह खाली पेट पानी का सेवन शरीर के लिए बहुत लाभप्रद है, कारण यह है कि सुबह खाली पेट होने से शरीर को आसानी से ग्रहण कर लेता है और आंतरिक अंगों की सफाई हो जाती है। प्रातःकाल पानी पीने से आंतों मे गति आती है, जिससे आंते मल के अनावश्यक भार से मुक्त हो जाती हैं और उनमें रक्त संचार व्यवस्थित होता है।
    इस प्रकार जल संबंधी ये 4 नियम हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इनके अतिरिक्त कुछ अन्य बातों की भी सावधानियाँ रखें, जैसे -

  • जब भोजन ठीक से न पचे तब कुनकुना पानी या कुनकुने पानी में नींबू डालकर सेवन करने से लाभ होता है।
  • अत्यधिक ठंडा व अत्यधिक गर्म दोनों ही जल शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
  • जब भी प्यास लगे तब जल अवश्य लें। शरीर के अन्य वेगों की तरह इस वेग को रोकना स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं होता।
  • कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जब पानी के सेवन से बचना चाहिए जैसे तेज श्वास गति हो, शौच के तुरंत बाद, खड़े होकर, व्यायाम व परिश्रम के तुरंत बाद, तेज धूप से आकर, मैथुन के बाद, मूंगफली, केला, अमरूद, सीताफल, तरबूज, खरबूजा, ककड़ी आदि लेने के तुरंत बाद, भोजन के तुरंत पहले व बाद में आदि अवसरों पर पानी का सेवन नहीं करना चाहिए।

चूँकि जल ही जीवन है, इसलिए आने वाली गर्मियों के थपेड़ों से बचाव हेतु जीवन को जल से अभिसिंचित अवश्य करते हैं।


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