Posted on 11-May-2016 01:45 PM
ंवैसे तो किशमिश सूखे हुए अंगूर का दूसरा रूप है परन्तु इसमें न सिर्फ अंगूर के गुण विद्यमान होते हैं बल्कि दूध के भी लगभग सभी तत्व पाये जाते हैं। किशमिश को दूध के अभाव में प्रयोग में लाया जा सकता है, क्योंकि यह दूध की तुलना में जल्द ही पच जाता है।
वृद्धावस्था में इसका नियमित इस्तेमाल करने से न सिर्फ बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है अपितु उम्र वृद्धि मंे भी सहायक है। जिससे शक्ति और स्फुर्ति प्राप्त होती है। यही नहीं, कठोर परिश्रम, कुपोषण अथवा किसी बड़ी बीमारी के पश्चात् जब हमारे शरीर की शक्ति क्षीण हो जाती है, तब खोई हुई ऊर्जा को पुनः हासिल करने के लिए किशमिश शरीर हेतु संजीवनी साबित होती है।
दूसरे शब्दांे में कह सकते हैं कि क्षीण होती शक्ति को दुरूस्त करने मंे किशमिश अपनी अहम् भूमिका निभाती है। खाने में किशमिश मधुर, स्निग्ध, शीतल व पित्तशामक प्राकृतिक गुणों से भी परिपूर्ण होती है जिससे शरीर को अन्य कई फायदे भी होते हैं।
किशमिश खाने से जहां कब्ज, एनीमिया, बुखार और यौन रोग जैसे कई गंभीर रोगों का जोखिम कम हो जाता है, वहीं यह वजन बढ़ाने में भी मददगार है। इसमें आयरन, पोटेशियम्, कैल्शियम्, मैग्नीशियम् और फाइबर भरपूर मात्रा मंे मौजूद होते हैं जो शरीर स्वास्थ्य रखने हेतु लाभकारी हैं।