शरीर का कोई अंग सुन्न क्यों हो जाता है ?

Posted on 26-May-2015 03:59 PM




    हाथ या पैर का सुन्न हो जाना हममें से लगभग सभी ने अनुभव किया होगा। आइए जानें, क्यों हो जाते हैं शरीर के अंग सुन्न। शरीर का कोई अंग यदि किसी दबाव में ज्यादा समय तक रहता है तो वह सुन्न हो जाता है। वस्तुतः यह दबाव हाथ या पैर की नसांे पर पड़ता है। ये नसें कई एक कोशीय फाइबर से बनी होती है। प्रत्येक एक कोशीय फाइबर अलग-अलग संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करता है। इन फाइबरों की मोटाई भी कम-ज्यादा होती है। इसका कारण माइलिन नामक श्वेत रंग के पदार्थ द्वारा बनाई गई झिल्ली है। इन पर दबाव पड़ने से मस्तिष्क तक नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन और रक्त का संचरण नहीं हो पाता। मस्तिष्क तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और आॅक्सीजन के अभाव में अवरूद्ध हो जाती है। इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सुन्न हो जाता है। जब उस अंग पर से दबाव हट जाता है तब रक्त और आॅक्सीजन का संचरण नियमित हो जाता है और पुनः उस अंग में संवेदनशीलता लौट आती है। फाइबर अलग-अलग संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करता है। इन फाइबरों की मोटाई भी कम-ज्यादा होती है। इसका कारण माइलिन नामक श्वेत रंग के पदार्थ द्वारा बनाई गई झिल्ली है। इन पर दबाव पड़ने से मस्तिष्क तक नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन और रक्त का संचरण नहीं हो पाता। मस्तिष्क तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और आॅक्सीजन के अभाव में अवरूद्ध हो जाती है। इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सुन्न हो जाता है। जब उस अंग पर से दबाव हट जाता है तब रक्त और आॅक्सीजन का संचरण नियमित हो जाता है और पुनः उस अंग में संवेदनशीलता लौट आती है।में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और आॅक्सीजन के अभाव में अवरूद्ध हो जाती है। इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सुन्न हो जाता है। जब उस अंग पर से दबाव हट जाता है तब रक्त और आॅक्सीजन का संचरण नियमित हो जाता है और पुनः उस अंग में संवेदनशीलता लौट आती है।


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