Posted on 04-Aug-2016 11:57 AM
त्वचा में निखार आता है, कील-मुँहासों की शिकायतें भी दूर होती हैं। पेट में रहनेवाले कृमियों का नाश होता है और भूख लगने में मदद मिलती है। बढ़ती हुई आयु की वजह से होने वाली रक्तचाप की बीमारी और रक्त के विकार नष्ट होने में सहायता मिलती है, मुँह फूलना, घमौरियां आना, आँखों की जलन जैसे उष्णता संबंधित विकार कम होते हैं। एसिडिटी से होने वाला सिरदर्द, चक्कर आना और पेट में जलन जैसी तकलीफें कम होती हैं। बवासीर तथा एनीमिया जैसी बीमारी में लाभदायक, इसके कफनाशक गुण का अनुभव बहुत से लोगों ने लिया है। पीतल के बर्तन में करीब आठ से दस घंटे पानी रखने से शरीर को तांबे और जस्ते, दोनों धातुओं के लाभ मिलेंगे। जस्ते से शरीर में प्रोटीन की वृद्धि तो होती ही है।