Posted on 16-Sep-2015 04:31 PM
घूमर नृत्य की मौलिक शुरूआत राजस्थान के दक्षिणी इलाकों में बसी भी जाति ने किया। घूमर नृत्य आज राजस्थान के उत्तरी इलाकों में भी किया जाता हैं। घूमर देश विदेश में राजस्थान की पहचान बन गया हैं। घूमर का अर्थ है घूमकर नाचना। नृत्य में महिलाएं अस्सी कली का घाघरा पहन का गोलाकार घूमते हुए यह डांस करती हैं।
अपनी मोहक अदाओं से यह नृत्य सभी का दिल जीत लेता हैं। राजस्थान के लोक कलाकार समय समय पर घूमर नृत्य का प्रदर्शन देश विदेश में करत रहते हैं। नृत्य के दौरान महिलाओं और पुरूषों का एक दल गायन करता हैं। रंग बिरंगी राजस्थानी पोशाक और आभूषणों से सजी महिलाएं घूमर नृत्य करते हुए बहुत आकर्षक लगती हैं।
नृत्य के दौरान देवी सरस्वती का पूजन किया जाता हैं। यह नृत्य स्थानीय जातियों द्वारा शादी विवाह और शुभ अवसरों पर किया जाता हैं। जयपुर में तीज और गणगौर के अवसरों पर घूमर नृत्य खास तौर से किया जाता हैं।