बैंको की शुरूआत कैसे हुई?

Posted on 23-Apr-2015 02:42 PM




बैंक शब्द की उत्पत्ति इटालियन भाषा से हुई है। मध्ययुग में इटली के लोग बेंचों पर बैठकर व्यापार करते थे। इटालियन भाषा में बेंच को ‘बैंकांे’ कहते हैं। अतः यह शब्द बदलते-बदलते ‘बैंक’ बन गया। आज संसार के सभी देशों में बैंक व्यवस्था है। मुख्य रूप से बैंक के दो काम होते हैं, पहला लोगों द्वारा दिए गए पैसों को जमा करना और दूसरा जरूरतमंद लोगों को ब्याज पर कर्ज देना। इसके अतिरिक्त तरह-तरह के व्यापारों में मदद करना भी बैंकों का एक काम है। क्या हम जानते हैं कि बैंकों की शुरूआत कैसे हुई?
आज जैसी बैंक व्यवस्था सबसे पहले ‘वेनिस’ में सन 1587 में शुरू हुई। इसी वर्ष ‘बैंकों डी रेल्टो की स्थापना हुई। इसमें लोग पैसा जमा कर सकते थे और जरूरत पड़ने पर निकाल भी सकते थे। 1619 में बैंकों डी गिरो ने इस बैंक का अधिकार अपने हाथों में ले लिया। इसमें लोग सोना, चांदी जमा कर सकते थे, जिसके बदले बैंक रसीद देता था। इन रसीदों का प्रयोग रुपये के रूप में होता था। अमेरिका में पहला बैंक 1782 में और इंग्लैंड़ में 1825 में खुला। भारत में पहला बैंक सन 1804 में ‘प्रेसीडैंसी बैंक आॅफ बाॅम्बे’ के नाम से स्थापित किया गया। पहला पूर्ण भारतीय बैंक ‘पंजाब नेशनल बैंक’ हैं, जिसकी शुरुआत सन 1894 में हुई। सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना अप्रैल 1935 में की गई। देश में मुद्रा केवल रिजर्व बैंक जारी करता है। इस प्रकार विश्व के सभी देशों में बैंकांे की स्थापना होती चली गई।आज हमें बैंकों से अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अपने पैसे को जमा करने के अतिरिक्त हम अपने बहुमूल्य जेवर भी बैंकों में जमा कर सकते हैं और चोरी के डर से बच सकते हैं। बैंक किसानों और उद्योगपतियों की मदद करते हैं। बैंक अब क्रेडिट काडर््स देते हैं और विदेश जाने वालों के लिए विदेशी मुद्रा का भी प्रबंध करते हैं। इतना ही नहीं, राष्ट्रों को सहयोग देने के लिए विश्वस्तर पर विश्व बैंक हैं। यदि किसी देश को अपनी विकास योजनाओं के लिए या किसी आपातकाल में धन की आवश्कता होती है, तब वह देश विश्व बैंक से कर्जा ले सकता है। इस प्रकार बैंक हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं।


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