Posted on 04-Sep-2015 04:44 PM
नालंदा का प्रसिद्ध सूर्य धाम औंगारी और बड़गांव के सूर्य मंदिर देश भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां के सूर्य तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा करने से कुष्ठ रोग सहित कई असाध्य व्याधियों से मुक्ति मिलती है। प्रचलित मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने बिहार के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि देश भर के श्रद्धालु यहां आते हैं। लोग यहां तम्बू लगा कर सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न करते हैं। कहते है भगवान कृष्ण के वंशज साम्ब कुष्ठ रोग से पीडि़त थे। इसलिए उन्होंने 12 जगहों पर भव्य सूर्य मंदिर बनवाए थे, और भगवान सूर्य की आराधना की थी। ऐसा कहा जाता है तब साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी। उन्हीं 12 मंदिरों में औंगारी एक है। अन्य सूर्य मंदिरों में देवार्क, लोलार्क, पूण्यार्क, कोणार्क, चाणार्क आदि शामिल है।
उन्नास का सूर्य मंदिर:- उन्नास के सूर्य मंदिर का नाम बहयन्य देव मंदिर है। यह मध्य प्रदेश के उन्नास में स्थित है। इस मंदिर में भगवान सूर्य की पत्थर की मूर्ति है, जो एक ईंट से बने चबूतरे पर स्थित है। जिस पर काले धातु की परत चढ़ी है। साथ ही, साथ 21 कलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य के 21 त्रिभुजाकार प्रतीक मंदिर पर अवलंबित है।
रनकपुर सूर्य मंदिर:- राजस्थान के रणकपुर नामक स्थान में अवस्थित यह सूर्य मंदिर, नागर शैली में सफेद संगमरमर से बना है। भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता यह सूर्य मंदिर जैनियों के द्वारा बनवाया गया था जो उदयपुर से करीब 98 किलोमीटर दूर स्थित है।
सूर्य मंदिर रांची:- रांची से 39 किलोमीटर की दूरी पर रांची टाटा रोड़ पर स्थित यह सूर्य मंदिर बंुडू के समीप है 7 संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य के रूप में किया गया है। 25 जनवरी को हर साल यहां विशेष मेले का आयोजन होता है।