Posted on 16-Jul-2016 11:58 AM
यूनिवर्सिटी आँफ वाँशिंगटन के शोध में दावा किया गया है कि 15 महीने के शिशु को भी इस बात का अहसास होता है कि क्या सही है और क्या गलत। इसके अनुसार, छोटे बच्चों को भी खाने-पीने की चीजों के समान-असमान वितरण के बारे में समझ होती है। समान वितरण नहीं होने पर वे आश्चर्य या नाराजगी भी प्रकट करते हैं। शोध के लिए शिशुओं को एक ऐसा वीडियो दिखाया गया है जिसमें दूध और पटाखे बांटे गए थे। प्रत्येक बच्चे को खेलने के लिए दो-दो खिलौने दिए गए। उनमें से एक तिहाई बच्चों ने अपना पसंदीदा खिलौना अन्य बच्चों को खेलने को दिया। जबकि दूसरे एक तिहाई बच्चों ने वह खिलौना दूसरे बच्चों को दिया जो उन्हें कम पसंद था। बाकी एक तिहाई बच्चों ने एक भी खिलौना दूसरे बच्चों को खेलने को नहीं दिया। प्रोफेसर ने कहा कि जो बच्चे चीजों के समान वितरण को लेकर तत्पर थे, उन्हीं बच्चों ने अपना खिलौना भी दूसरों को खेलने को दिया।