भोजन की थाली परोसने की कला

Posted on 28-Jul-2016 12:39 PM




कहा जाता है कि आदमी को खुश करने का रास्ता उसके पेट में से जाता है। अतः हर गृहणी को ‘भोजन की थाली कैसे पेश की जाए’ इस बात का समुचित ज्ञान होना जरूरी है। आइए देखते है कि भोजन की थाली कैसे पेश की जानी चाहिए। यह बात कदापि जरूरी नहीं है कि जब तक भोजन की थाली में विविध प्रकार सुस्वादिष्ट व्यजंन नहीं होगें तब तक भोजन की उस थाली को कोई पसंद नहीं करेगा। साधारण-सा भोजन भी यदि घर के सदस्यों को प्रतिदिन मधुर मुस्कान व सलीकें के साथ पेश किया जाए और साथ में बिन मांगे गिलास व पानी का जग जैसी जरूरी चीजें रख दी जाएं और सलाद, अचार, पापड़, दही में से कोई एक, दो या तीन अथवा सभी चीजें अपने बजट व खाने वाली की इच्छा के अनुरूप उपलब्ध करा दी जाएं तो भोजन करने वाला आपसे प्रसन्न और प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा। इसके ठीक विपरीत आपने खाना तो सुस्वादिष्ट व विविध प्रकार का बनाया है, पर आपने अप्रसन्न भाव से व अव्यवस्थित रूप से भोजन की थाली पेश की है तो आपकी मेहनत पर निश्चय ही पानी फिर जाएगा। मान लीजिए कि आप पानी का जग, गिलास, खाने वाले की आदत के अनुसार सलाद, अचार, पापड़ और दही में से कोई भी एक चीज भूल कर दूसरे कामों में व्यस्त हो गईं और खाना खाने वाले को स्वयं इन चीजों के लिए खाना छोड़कर उठना पड़ा तो वह क्रोधित भी हो सकता है, इसलिए गृहिणियों को सुस्वादिष्ट व विविध प्रकार के व्यजंन हों या साधारण-सा खाना, इन छोटी-छोटी बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।


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