Posted on 13-Mar-2016 11:29 AM
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां किसी को अपने बारे में भी सोचने की फुर्सत नहीं, ऐसे में बार-बार यह सोचना कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते होंगे, नकारात्मकता की ओर ले जाता है। कई बार सोच का यह नजरिया हमारे सकारात्मक विचारों को भी नकारात्मकता की तरफ मोड़ देता है, लेकिन व्यवहार में बदलाव और सकारात्मक सोच अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
दुष्प्रभाव हैं कई-लगातार नकारात्मक सोचते रहने से चिंता, परेशानी, चिड़चिड़ापन, रिश्तों में कड़वाहट और जीवन से निराशा जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसी तरह तनाव में रहने की वजह से कई शारीरिक बीमारियां जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग, थकान और नींद न आने की समस्या आदि होने लगती हैं।
इस तरह बदलाव लाएं
1. किसी भी व्यक्ति या चीज के बारे में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विचार जरूर करें जैसे यह इतना बुरा नहीं है, जितना मैं सोच रहा हूं।
2. कुछ नहीं से कुछ ज्यादा बेहतर है।
3. हमेशा खुद को दोष देने से अच्छा है कि सोचने का नजरिया बदल लिया जाए, जिससे सारे काम आसान हो जायेंगे।
4. लंबी गहरी सांस लें और रिलेक्स होने की कोशिश करें।
5. कैसी भी परिस्थिति हो, उसके साथ तालमेल बिठाने का प्रयास करें।
6. खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें। पसंदीदा कामों में मन लगाएं।
7. लोगों से मिलें, उनकी जगह खुद को रखकर व्यवहार को संतुलित रखें।
8. जब भी कुछ बढिया करें तो खुद की पीठ थपथपाएं।