Posted on 24-Jan-2016 10:15 AM
सब मन का खेल है। हमारी चेतना का उत्कर्ष मुकाम हमारा मन है। यही मन दुख देता है और यही मन अपने वास्तविक स्वरूप से मुलाकात करा कर आनंद से भर देता है। अध्यात्म एक अंतस का भाव है जो पूर्णता का मार्ग प्रशस्त कराती है।
आज मानव फिर एक दहलीज़ पर खड़ा है। मेडिकल साइंस की आश्चर्य ढंग से प्रगति, नयी-नयी शोध एवं खोज़ों के आधार पर डाइविटीज, हार्ट, कैंसर जैसे रोगों पर विजय पायी जा रही है। और उम्र में निरंतर इज़ाफा हो रहा है। क्या मानव आनंद एवं परिपूर्णता से जीने का और लम्बी उम्र के बढ़ाव का संतुलन बना पायेगा ?
यह आने वाला समय बतायेगा।