Posted on 24-Jan-2016 03:00 PM
सौंफ प्रतिदिन घर में प्रयुक्त किए जाने वाले मसालों में से एक है। इसका नियमित उपयोग सेहत के लिए लाभदायक है।
सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लें। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है तथा नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है।
सौंफ का अर्क दस ग्राम शहद मिलाकर लें। खाँसी में तत्काल आराम मिलेगा।
बेल का गूदा 10 ग्राम और 5 ग्राम सौंफ सुबह-शाम चबाकर खाने से अजीर्ण मिटता है और अतिसार में लाभ होता है।
यदि आपको पेटदर्द होता है, तो भुनी हुई सौंफ चबाइए, तुरंत आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए, इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हो जाएगा।
हाथ-पाँव में जलन की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5-6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
पाचन क्रिया में गड़बड़ के कारण उत्पन्न हुई मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए सौंफ को ऐसे ही चबाकर चूसें।
गले में खराश होने पर सौंफ को मुँह में चबाते रहने शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5-6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
पाचन क्रिया में गड़बड़ के कारण उत्पन्न हुई मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए सौंफ को ऐसे ही चबाकर चूसें।
गले में खराश होने पर सौंफ को मुँह में चबाते रहने शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5-6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
पाचन क्रिया में गड़बड़ के कारण उत्पन्न हुई मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए सौंफ को ऐसे ही चबाकर चूसें।
गले में खराश होने पर सौंफ को मुँह में चबाते रहने से बैठा गला साफ हो जाता है।
कब्ज दूर करने के लिए 100 ग्राम सौंफ पीसकर रख लें। इसकी दो चम्मच गुलाब के गुलकंद के साथ सुबह-शाम भोजन के बाद खाएँ।
मस्तिष्क संबंधी रोगों में सौंफ अत्यंत गुणकारी है।