Posted on 09-Jul-2015 03:18 PM
एक बार महात्मा गांधी जी बिहार के चम्पारन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर थे। वहाँ उन्होंने मैले-कुचैले वस्त्रों में एक वृद्ध महिला को देखा तो उन्होंने उस वृद्व महिला को कहा , ‘‘माई, तुम्हारे वस्त्र कितने मैले हैं, तुम इन्हें क्यों नहीं बदलती।’’
गांधी जी की ये बात सुनकर वह महिला उनको अपनी झोंपड़ी में ले गई और कहने लगी, ‘‘आप स्वयं ही देख लो। इन वस्त्रों के अलावा मेरे पास अन्य कोई वस्त्र नहीं है। अब आप ही बताओ कि मैं कैसे अन्य वस्त्र पहन लूँ।’’
उस महिला का विलाप सुनकर गांधी जी को कोई जवाब न आया। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने देशवासियों की ऐसी दरिद्रता भरी दुर्दशा देखकर गांधी जी ने इस गरीबी को दूर करने के लिए ही खादी ग्रामोद्योग आन्दोलन शुरू कर दिया।
गांधी जी ने अपने शरीर पर भी कम वस्त्र धारण करने का संकल्प ले लिया ।