Posted on 18-May-2015 01:58 PM
पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोगों को गम्भीरता से लेना चाहिए। पशुओं में 250 से अधिक ऐसे रोग हैं, जो हवा-पानी के जरिये या रोगग्रस्त पशुओं के संपर्क में आने या उनसे जुड़े उत्पाद उपयोग में लेने से मनुष्यों में तीव्रता से फैलते हैं।
पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डाॅ. राकेश पोखरना ने वल्र्ड वेटेरिनरी डे पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से इन रोगों को गंभीरता से लेना आवश्यक है। डाॅ. सुरेंद्र छंगाणी ने बताया कि जूं, चीचड़े, मक्खियां कई रोग फैलाने में वाहक का काम करते है। नारायण डामोर, चंद्रप्रकाश नागर, पुष्पेंद्र शर्मा, अनिल यादव ने भी विचार व्यक्त किए।
सेमिनार संपन्न
पशुपालन विभाग की ओर से वल्लभनगर के नवानियां स्थित वेटेरिनरी काॅलेज में आयोजित सेमिनार में ‘प्रूडेंट यूज आॅफ एंटीबायोटिक्स टू ट्रीट लाइव स्टाॅक डिजीज’ तथा ‘वेक्ट वोर्न डिजीज विद द जूनोटिक पोटेंशियल’ विषय पर डाॅ. आरके नागदा, डाॅ. सीएस वैष्णव, डाॅ. एसके शर्मा, डाॅ. बी मेश्राम, डाॅ. अभिषेक गौरव व डाॅ. दीपक शर्मा ने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि वल्लभनगर विधायक रणधीरसिंह भीण्डर थे।