ऊर्जा उत्पन्न करता है साहस

Posted on 01-Aug-2016 12:23 PM




परिस्थितियाँ किसी के भी साथ न तो सदा अनुकूल रहती है न प्रतिकूल और न ही किसी एक वर्ग या व्यक्ति के किए बनती है इसलिए सदा अनुकूलता की उम्मीद करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि अनावश्यक, अनुचित व हानिकारक भी है। उचित ये होगा की आप परिस्थितियाँ किसी के भी साथ न तो सदा अनुकूल रहती है न प्रतिकूल और न ही किसी एक वर्ग या व्यक्ति के किए बनती है इसलिए सदा अनुकूलता की उम्मीद करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि अनावश्यक, अनुचित व हानिकारक भी है। उचित ये होगा की आप अपनी साहसिकता, आत्मविश्वास और सहन शक्ति बढ़ाये, जो अनिवार्य हो उसे धैर्यपूर्वक सहन करते हुए बुद्धिमत्ता पूर्ण सोच-विचार कर निर्णय लेते हुए संकट का उचित व परिस्तिथियों के अनुरूप संकट व समस्या का हल ढूँढे, जो उचित हो वे उपाय सोचने और प्रयास करने में कोई कमी न रहने दी जाये, हर स्थिति में संतुलन बनाये रखा जाये, कठिनाइयों व मुसीबतों से डर नहीं। वरन अपनी प्रतिभा से हाल व उपाय निकालने में बिना समय गँवाये लग जाना ही साहस कहलाता है। साहस वह हथियार है जो प्रतिकूलता को अनुकूलता में बदलना संभव बनता है। सामान्यतः लोग साहसी व्यक्ति का ही साथ देना चाहते है और उसी के नेतृत्व में नये चुनौतीपूर्ण व गैर-पारम्परिक तरीके से कार्य को करने और सफलता प्राप्त करना चाहते है। जिस प्रकार आत्मविश्वास व्यक्ति में क्षमता का संचार करता है उसी तरह साहस उसमें ऊर्जा उत्पन्न करता है और व्यक्ति की जीवनचर्या में किए जाने वाले कार्यों में इसका सर्वाधिक महत्त्व और ये तमाम निर्णय की शक्ति का केंद्र बिन्दु होता है।


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